जाली अंक पत्र पर ली नौकरी
रांची: रांची विवि के एक प्रोफेसर द्वारा नौकरी पाने के लिए जाली अंक पत्र का सहारा लेने का मामला प्रकाश में आया है. विवि द्वारा मामला प्रकाश में आने के बाद जांच कमेटी बनायी. जांच कमेटी ने अंक पत्र जाली की पुष्टि भी की. इसके बाद कुलपति के आदेश पर उक्त प्रोफेसर को कारण बताओ […]
रांची: रांची विवि के एक प्रोफेसर द्वारा नौकरी पाने के लिए जाली अंक पत्र का सहारा लेने का मामला प्रकाश में आया है. विवि द्वारा मामला प्रकाश में आने के बाद जांच कमेटी बनायी. जांच कमेटी ने अंक पत्र जाली की पुष्टि भी की.
इसके बाद कुलपति के आदेश पर उक्त प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि आपने नौकरी पाने के लिए जालसाजी की है. क्यों नहीं उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये. विवि प्रशासन ने उक्त प्रोफेसर को शीघ्र जवाब देने का निर्देश दिया है. जानकारी के अनुसार मांडर कॉलेज के मानवशास्त्र विभाग के एक शिक्षक पर नौकरी के लिए बढ़े हुए अंक के आधार पर जाली अंक पत्र विवि में जमा कर दिया है, जबकि उक्त प्रोफेसर के मूल अंक पत्र में कम अंक हैं. एक व्यक्ति ने सूचनाधिकार से मूल अंक पत्र की कॉपी निकाल कर विवि में जमा कराया और संबंधित प्रोफेसर द्वारा जालसाजी करने की शिकायत विवि से कर दी. बताया जाता है कि विवि के मूल अंक पत्र में उक्त प्रोफेसर को किसी विषय में 46 अंक मिले हैं, तो प्रोफेसर ने प्रतिशत बढ़ाने के लिए अंक बढ़ाकर जाली अंक पत्र विवि में जमा कर दिया.
क्या हो सकता है: विवि प्रशासन के अनुसार प्रोफेसर द्वारा कारण बताओ नोटिस का जवाब दिये जाने के बाद विवि इसकी समीक्षा करेगा. जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर विवि प्रशासन द्वारा उक्त प्रोफेसर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करा सकता है.बरखास्त भी हो सकते हैं.