रांची : नक्सली बंदी के मद्देनजर झारखंड पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था कर ही रही थी कि पश्चिमी सिंहभूम में नक्सली वारदात हो गयी. नक्सलियों ने गोइलकेरा-मनोहरपुर मार्ग पर शनिवार की सुबह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के 10 वाहनों को फूंक दिया. प्लांट में तोड़फोड़ की. कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की. भाकपा माओवादी ने 10 जून से यानी शनिवार की आधी रात के बाद से 24 घंटे का उत्तरी छोटानागपुर बंद बुलाया है, तो टीएसपीसी के चतरा-पलामू के प्लाटून कमांडर ने 12 घंटे के चतरा, पलामू, लातेहार, गढ़वाऔर हजारीबाग बंद का आह्वान किया है. बताया जाता है कि पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के उग्रवादियों ने लेवी नहीं देने पर यह कार्रवाई की है. उग्रवादियों ने सड़क निर्माण में लगे जेसीबी, पोकलेन और ट्रैक्टर में आग लगा दी है. बताया जाता है कि कुल 13 वाहनों को नक्सलियों ने जलाया है.
नक्सलियों की बंदी को विफल करने के लिए पुलिस ने भी कमर कस ली है. मुख्यालय से नक्सल प्रभावित सभी जिलों की पुलिस को निर्देश दिये गये हैं कि वे अतिरिक्त सतर्कता बरतें और सीमायी जिले पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करें, ताकि सीमा पार से कोई नक्सली इधर न आ सके, न ही वारदात को अंजाम देने के बाद सीमा पार जा सके. सभी थानों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.
भाकपा माओवादी के जोनल कमेटी के सचिव आनंद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि भूख से मौत, फर्जी मुठभेड़ के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है. वहीं, टीएसपीसी ने कहा है कि वह पुलिस और प्रशासन की ज्यादती के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया है. टीएसपीसी के चतरा-पलामू के प्लाटून कमांडर अजय ने कहा है कि उनके निर्दोष साथियों को पुलिस ने बेवजह गोलियों से भून दिया. हाल के दिनों में नक्सलियों की हुई गिरफ्तारी की भी अजय ने निंदा की है.
जांच एजेंसियों की सक्रियता से घबराये नक्सली
टीएसपीसी के प्लाटून कमांडर ने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार कॉरपोरेट घरानों से मिली हुई है. कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (इडी), क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआइडी) जैसी जांच एजेंसियों को सक्रिय कर दिया है, जो बेवजह टीएसपीसी के सदस्यों और उनके समर्थकों को परेशान कर रही हैं.
सरकार पर काला धन रखने वालों को बचाने के आरोप लगाये
टीएसपीसी के इस प्लाटून कमांडर ने कहा कि यह सरकार झारखंड की जनता को लूटने में लगी है. उनका दोहन कर रही है. सरकार आगामी चुनाव जीतने और विदेशों में कालाधन रखने वालों को बचाने के लिए ऐसा कर रही है. संगठन की ओर से कमांडर ने मांग की है कि आम जनता के दमन के लिए बनी नीतियों को सरकार तत्काल खत्म करे. इतना ही नहीं, संगठन ने भाकपा माओवादियों के साथ संघर्ष में जान गंवाने वाले सैकड़ों लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त चिकित्सा के अलावा 20 बीघा जमीन देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
विकास विरोधी नहीं हैं हम : टीएसपीसी
टीएसपीसी का कहना है कि यह संगठन विकास विरोधी नहीं है. यह संपूर्ण विकास चाहता है. इसलिए सरकार इन्हें विकास विरोधी बताकर बदनाम करने की कोशिश न करे. संगठन के लोगों को हिंसा के लिए उकसाने की बजाय, सरकार और प्रशासन के लोग उनसे बात करें और समस्या का समाधान करें ताकि उन्हें बंदूक उठाने के लिए मजबूर न होना पड़े.
माओवादियों को खदेड़ दिया, पुलिस को भी जवाब देंगे
प्रेस विज्ञप्ति मेंअजय ने दावा किया कि इस संगठन ने शोषित-पीड़ित जनता को एकजुट कर भाकपा माओवादियों को खदेड़ दिया. पुलिस और प्रशासन अहिंसा की बात करके हिंसक रास्ता अख्तियार करेगी, तो उसे भी जवाब दिया जायेगा. उसने कहा कि टीएसपीसी का कोई कसूर नहीं है. वह हिंसा नहीं करता. आत्मरक्षा के लिए इस संगठन का गठन हुआ है.