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कांके पुलिस नहीं मान रही थी अपहरण, आठ दिन बाद मिला जमीन कारोबारी का शव

रांची/कांके : कांके थाना क्षेत्र के जयपुर गांव से एक जून की रात अगवा जमीन कारोबारी सह घोड़ाबग्गी व्यवसायी जन्नत की हत्या अपहरणकर्ताओं ने अपहरण की रात ही कर दी थी. इस मामले में पूर्व से हिरासत में लिये गये जाकिर और बबलू मिर्धा की निशानदेही पर शनिवार को जन्नत का शव रिंग रोड झिरी […]

रांची/कांके : कांके थाना क्षेत्र के जयपुर गांव से एक जून की रात अगवा जमीन कारोबारी सह घोड़ाबग्गी व्यवसायी जन्नत की हत्या अपहरणकर्ताओं ने अपहरण की रात ही कर दी थी. इस मामले में पूर्व से हिरासत में लिये गये जाकिर और बबलू मिर्धा की निशानदेही पर शनिवार को जन्नत का शव रिंग रोड झिरी स्थित पत्थर खदान की खाई से सात घंटे की मशक्कत के बाद निकाला गया.
इसके बाद पुलिस ने शव का रिम्स में पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया. देर शाम पुलिस की सुरक्षा में जन्नत को गांव के ही कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया. जन्नत की हत्या से जयपुर गांव के लोगों में काफी आक्रोश था. सुरक्षा के दृष्टिकोण से गांव और चांदनी चौक में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. हत्या में शामिल आरोपी गुलजार और उसके परिवार के अन्य सदस्य गांव छोड़ कर कहीं चले गये हैं.
पिता ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी : जन्नत के पिता ने पुत्र के अपहरण को लेकर गांव के अपराधी गुलजार खान, जाकिर खान, गोलू सिंह, पवन यादव, बबलू मिर्धा के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि गुलजार ने उनके बेटे को जयपुर कब्रिस्तान के पास फोन कर बुलाने के बाद सहयोगियों के साथ अपहरण कर लिया था.
घटना के दौरान फायरिंग भी हुई थी. पुलिस ने मौके से गोली का खोखा भी बरामद किया था. लोगों को आशंका थी कि जन्नत का अपहरण कर हत्या कर दी गयी है. लेकिन कांके थानेदार को इस बात पर विश्वास ही नहीं हो रहा था.
उन्होंने कहा कि जन्नत जमीन में रुपये निवेश करने का काम करता था, जबकि दूसरे पक्ष के लोग जमीन एग्रीमेंट कराने का काम करते थे. अगर आरोपियों को हत्या ही करनी होती, तब वे जन्नत को घटनास्थल पर ही मार कर छोड़ देते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. घटना के बाद जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तब उक्त दोनों आरोपियों के अलावा गुलजार की मां को पकड़ कर स्थानीय लोगों ने कांके थाना की पुलिस को सौंप दिया था. घटना से आक्रोशित लोगों ने कहा, जन्नत की हत्या पुलिस की विफलता का परिणाम है. अगर पुलिस सक्रिय रहती, तो शायद उसकी जान बच सकती है.
कांके थाना क्षेत्र के जयपुर गांव का रहनेवाला था जन्नत हत्या से लोग आक्रोशित, गांव पुलिस छावनी में तब्दील
एक जून की रात कांके थाना क्षेत्र के जयपुर गांव से किया गया था जन्नत का अपहरण, नौ जून को मिला शव
हत्यारों ने कहा : अपहरण की रात ही कर दी गयी थी हत्या
जाकिर और बबलू मिर्धा की निशानदेही पर शनिवार को जन्नत का शव झिरी स्थित पत्थर खदान की खाई से सात घंटे की मशक्कत के बाद निकाला गया
पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो ग्रामीणों ने आरोपियों के अलावा गुलजार की मां को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया था

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