रांची : स्क्रूटनी के बाद बदल गये थे टॉप टेन में रहे छात्रों के अंक, जैक ने सार्वजनिक नहीं की 2017 के स्टेट टॉपरों की कॉपी

II सुनील कुमार झा II रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने वर्ष 2017 के मैट्रिक-इंटर के टॉप थ्री विद्यार्थियों की कॉपी जारी नहीं की. रिजल्ट जारी हुए एक वर्ष हो गया, जबकि प्रति वर्ष सितंबर तक टॉपरों की कॉपी जैक की वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी कर दी जाती थी. इतना ही नहीं वर्ष 2016 के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2018 7:34 AM
II सुनील कुमार झा II
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने वर्ष 2017 के मैट्रिक-इंटर के टॉप थ्री विद्यार्थियों की कॉपी जारी नहीं की. रिजल्ट जारी हुए एक वर्ष हो गया, जबकि प्रति वर्ष सितंबर तक टॉपरों की कॉपी जैक की वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी कर दी जाती थी. इतना ही नहीं वर्ष 2016 के भी सभी टॉप थ्री विद्यार्थियों की कॉपी जारी नहीं की गयी.
वर्ष 2016 में मैट्रिक के तो सभी टॉप थ्री विद्यार्थियों की कॉपी वेबसाइट पर डाली गयी, पर इंटर के किसी भी संकाय के सभी टॉप थ्री विद्यार्थी की कॉपी ऑनलाइन नहीं की गयी. वर्ष 2016 के इंटर साइंस के केवल फर्स्ट टॉपर की कॉपी जारी की गयी. कॉमर्स के फर्स्ट एवं सेकेंड व आर्ट्स के केवल थर्ड टॉपर की ही कॉपी सार्वजनिक की गयी. इससे पूर्व में सभी टॉप थ्री के सभी विषयों की कॉपी जारी की जाती थी.
वर्ष 2017 के टॉपरों का नाम भी जैक ने नवंबर 2017 में जारी किया था, जबकि मैट्रिक व इंटर के साइंस व कॉमर्स का रिजल्ट 30 मई को और आर्ट्स का रिजल्ट जून में जारी कर दिया गया था. टॉप 20 परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कराने व नाम जारी करने में जैक को छह माह का समय लग गया. वर्ष 2017 के टॉपरों को सम्मानित भी नहीं किया गया, जबकि प्रति वर्ष टॉपरों को सम्मानित किया जाता था.
स्क्रूटनी के बाद बदल गये थे टॉपरों के अंक : जैक ने टॉपरों की लिस्ट टॉप 20 परीक्षार्थियों की स्क्रूटनी के बाद नवंबर 2017 में जारी की थी. रिजल्ट के छह माह बाद जैक ने टॉपरों का नाम तो जारी किया, पर प्रावधान के अनुरूप उनकी कॉपी ऑनलाइन नहीं की. स्क्रूटनी में टॉप 20 में रहे परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन व अंकों के योग में गड़बड़ी का मामला सामने आया था, जिस कारण टॉपरों के अंक में पूर्व में जारी रिजल्ट के प्राप्तांक में बदलाव आ गया था.
लक्ष्मी सिंह के कार्यकाल में शुरू हुई थी प्रक्रिया
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह के कार्यकाल में मैट्रिक व इंटर के टॉप थ्री विद्यार्थियों की कॉपी ऑनलाइन जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. इसका उद्देश्य टॉपरों को लेकर पारदर्शिता लाना था. इसके अलावा यह भी उद्देश्य था कि अन्य परीक्षार्थी भी टॉपरों की कॉपी देख कर प्रेरणा ले सकें.
स्क्रूटनी के बाद अंक में हो गया बदलाव
इंटर आर्ट्स के परीक्षार्थियों के अंक में भी स्क्रूटनी के बाद बदलाव आ गया था. जून 2017 में जारी रिजल्ट में उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की अमिता कोटका को 416 अंक मिले थे. रिजल्ट में प्राप्त अंक के आधार पर अमिता राज्य में फोर्थ स्थान पर थी.
स्क्रूटनी में उसके अंक में कोई बदलाव नहीं हुआ, पर 418 अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहनेवाली वैष्ण्वी का अंक घट कर 416 हो गया. इस कारण अमिता भी स्टेट की सेकेंड टॉपर हो गयी. मेघा कुमारी का अंक 417 से घटकर 411 हो गया और वह टॉप थ्री से बाहर हो गयी. इसके बाद एसएल आर्या इंटर कॉलेज तुपकाडीह का सचिन कुमार स्टेट का थर्ड टॉपर बन गया.

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