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कोयला उद्योग के लिए टोरी-शिवपुर रेल लाइन शुरू होना लाभकारी : पीयूष गोयल

रेल व कोयला मंत्री ने मंत्रालय के चार वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताया रांची : केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने अपने प्रभार वाले मंत्रालयों की चार वर्षीय उपलब्धियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उनके साथ संचार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और रेल […]

रेल व कोयला मंत्री ने मंत्रालय के चार वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताया
रांची : केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने अपने प्रभार वाले मंत्रालयों की चार वर्षीय उपलब्धियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उनके साथ संचार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन भी थे.
श्री गोयल ने रांची, अहमदाबाद, भोपाल, चेन्नई, गुवाहाटी, इम्फाल, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, पुणे, पटना व रायपुर समेत 12 शहरों में मीडिया के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की. मौके पर श्री गोयल ने पिछले चार साल की उपलब्धियों वाली पुस्तिका का विमोचन किया. उन्होंने दो मोबाइल एेप रेल मदद और मेन्यू ऑन रेल्स भी लांच किया. श्री गोयल ने कहा कि कोयला उद्योग के लिए टोरी-शिवपुर रेल लाइन शुरू होना लाभकारी है़
सीआइएल का कोयला उत्पादन 567 मिलियन टन तक पहुंचा
श्री गोयल ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) का कोयला उत्पादन 2013-14 के 462 मिलियन टन से बढ़ कर 2017-18 में 567 मिलियन टन तक पहुंच गया है.
कोयला उत्पादन में पिछले चार वर्षों में हुई 105 मिलियन टन की वृद्धि हासिल करने में 2013-14 से पहले लगभग सात वर्ष लगे थे. उत्खनन के लिए खुदाई 2013-14 के 6.9 लाख मीटर की तुलना में बढ़ कर 2017-18 में 13.7 लाख मीटर तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी के लिए 24 घंटे किफायती बिजली के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी. अब तक 89 कोयला खदानों की पारदर्शी तरीके से नीलामी की गयी है. कोयला धारिता राज्यों को 100 प्रतिशत राजस्व के साथ आवंटित किया गया है. इससे सामाजिक रूप से पिछड़े व आकांक्षी जिलों के लिए आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में राज्यों को सहायता मिलेगी.
रेलवे की नयी लाइनों को चालू करने में 59% की वृद्धि : श्री गोयल ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने साफ नीयत, सही विकास के दर्शन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा को भारतीय रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता बना दिया है.
परिणामस्वरूप 2013-14 में हुई 118 ट्रेन दुघर्टनाओं की संख्या घटकर वर्ष 2017-18 में 73 हो गयी. असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग की समस्या से निबटने के लिए पिछले चार वर्षों में 5,479 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त किया गया है.
सुरक्षा में बेहतरी सुनिश्चित करने के 1.1 लाख सुरक्षा पदों पर रिक्तियां भरी जा रही हैं. पिछले चार वर्षों में औसत वार्षिक पूंजीगत व्यय वर्ष 2009-14 की तुलना में दोगुने से भी अधिक है. रेलवे तेजी से पूरे भारत को जोड़ रही है.
नयी लाइनों को चालू करने की औसत गति में 59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. श्री गाेयल ने कहा कि डिजाइन में स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देते हुए रेलवे एस्केलेटर, लिफ्ट, नि:शुल्क वाई-फाई समेत आधुनिक सुविधाएं स्‍थापित करके स्टेशनों का रूप बदल रहा है. यात्री सुविधाओं को बेहतरीन कर रहा है. रेलगाड़ियों व रेल डिब्बों को सुधार दिया गया है. मौके पर पर गुवाहाटी वीसी लिंक के जरिये रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वि‍नी लोहानी भी मौजूद थे.
मंत्री ने दो मोबाइल ऐप रेल मदद और मेन्यू ऑन रेल्स लांच किया, कहा
कोयला लिंकेज की नीलामी व आवंटन से किफायती बिजली मिलेगी
उन्होंने कहा कि कोयला लिंकेज की नीलामी व आवंटन के लिए भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला उपयोग में लाने और आवंटन करने की योजना से किफायती बिजली मिलेगी. कोयला के आवंटन में पारदर्शिता आयेगी.
इस योजना के तहत 16 ईंधन आपूर्ति समझौतों पर हस्ताक्षर किया गया है. 45.18 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयले की पारदर्शी तरीके से गैर-विनियमित क्षेत्र को नीलामी की गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कोयला व रेल मंत्रालयों के बेहतर समन्वयन के जरिये बेहतर माल ढुलाई पर भी फोकस किया है.
बिजली क्षेत्र में कोयला लिंकेज को युक्तिसंगत बनाने से 3,359 करोड़ रुपये की वार्षिक क्षमता बचत के साथ 55.66 मिलियन टन की कुल कोयला आवाजाही तर्क संगतता के रूप में सामने आयी है. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया का कोयला लदान 2014-15 के 195 रैक प्रति दिन से बढ़ कर 2017-18 में 230 रैक प्रति दिन पहुंच गया है.
14 महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कोयला निकालने के लिए समयबद्ध कार्य निष्पादन के लिए समय सीमा निर्धारित की गयी है. कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए झारखंड में टोरी-शिवपुर रेल लाइन (44 किमी) का एक हिस्सा, टोरी-बालूमाथ रेल खंड नौ मार्च, 2018 को शुरू कर दिया गया है. ओड़िशा में झारसुगुडा-बारापल्ली (53 किमी) रेल लाइन भी पूरा किया जा चुका है.
रेल यात्रा के दौरान मेन्यू ऑन रेल्स एेप पर भोजन का आॅर्डर करें
मेन्यू ऑन रेल्स मोबाइल एेप रेल यात्रा के दौरान सभी प्रकार की रेलगाड़ियों पर परोसे जाने वाले मेन्यू और मूल्य के बारे में जानकारी देता है.
यात्रियों के पहले से ही खाद्य पदार्थ बुक करने की स्थिति में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों और उनकी मात्रा के बारे में जानकारी देता है. एप से मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में खान-पान की वस्तुओं की अधिक कीमतें वसूले जाने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण आयेगा. भोजन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. यह एेप एंड्रॉयड और आइओएस के अलावा वेबसाइट वर्जन पर भी उपलब्ध है.
रेल मदद पर दर्ज होंगी शिकायतें : यात्रा के दौरान वांछित सहायता के लिए मोबाइल एप्लीकेशन रेल मदद यात्रियों की शिकायतें दर्ज करेगा. शिकायतों के निवारण की स्थिति के बारे में यात्रियों को जानकारी मुहैया करायेगा.
यात्री को पंजीकरण के बाद एसएमएस के जरिये शिकायत संख्या तुरंत उपलब्ध करायी जायेगी. उसके बाद रेलवे द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी एसएमएस द्वारा दी जाती रहेगी. रेल मदद विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाओं के नंबर भी प्रदर्शित करता है. तत्काल सहायता के लिए एक सीधे विकल्प के तौर पर सीधे फोन की सुविधा भी प्रदान करता है.

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