RIMS की समीक्षा बैठक में CM रघुवर के सख्‍त निर्देश- हड़ताल की वजह से मौतें हुई तो नामजद प्राथमिकी

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रिम्स को राज्य की शान बनाना है. यहां अनुशासनहीनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यह सेवा करने की जगह है. जनता यहां काफी उम्मीद के साथ इलाज कराने आती है. उन्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए. अब से हड़ताल हुई और कोई हताहत हुआ, तो हड़तालियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2018 5:48 PM

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रिम्स को राज्य की शान बनाना है. यहां अनुशासनहीनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी. यह सेवा करने की जगह है. जनता यहां काफी उम्मीद के साथ इलाज कराने आती है. उन्हें परेशानी नहीं होनी चाहिए. अब से हड़ताल हुई और कोई हताहत हुआ, तो हड़तालियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. हर किसी को अपना काम करना होगा.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि रिम्स में चिकित्सक अब केवल चिकित्सा का काम देखेंगे. प्रबंधन का कामकाज देखने के लिए एक आइएएस अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी. उक्त निर्देश झारखंड मंत्रालय में रिम्स और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिये गये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर किसी की जिम्मेवारी तय होगी. उन्‍होंने रिम्स परिसर में एक पुलिस पिकेट बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि वहां सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ किसी दुर्घटना के शिकार व्‍यक्ति से पूछताछ कर संबंधित थाने के रिपोर्ट भेजना का काम रहेगा. साथ ही 200 की संख्या में सेवानिवृत्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स में मरीजों के पास अनावश्यक भीड़ रहती है. निजी अस्पतालों की तरह मरीज के साथ एक अटेंडेंट को रहने की अनुमति दें. मिलने का समय निर्धारित रखें. शांति रहने से मरीजों को भी आराम मिलेगा. साफ-सफाई के साथ भी कोई समझौता नहीं किया जायेगा. सिस्टम बनायें और उसे कड़ाई से पालन करें. कोई पालन नहीं करता है, तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने रिम्स परिसर में जो भी डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलैब हैं उन्हें तत्काल हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि जब रिम्स के अंदर ही सुविधा है, तो बाहर ये सेंटर कैसे खुल गये. किसी भी सूरत में दलाली का काम नहीं चलने दिया जायेगा, इसपर लगाम लगायी जायेगी. चिकित्सक भी अपना निजी क्लिनिक न चलायें.

दास ने कहा कि पेइंग वार्ड, ट्रॉमा सेंटर आदि का काम जल्द से जल्द पूरा करें. इनके लिए जरूरी मैनपावर की भी नियुक्ति साथ-साथ करें. इसी प्रकार राज्य में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए कैंपस सेलेक्शन कर इनकी भरती करें. रिम्स में असिस्टेंट प्रोफेसर, नर्सों की नियुक्ति की प्रक्रिया को आसान करें. जो नर्सें कोर्स पूरा कर रही हैं उन्हें एक साल के लिए प्रशिक्षण की दृष्टि से रिम्स में रखें.

इस अवधि में 10,000 रुपये प्रति माह की दर से भुगतान करें. रिम्स में विभाग प्रमुख को उनके विभाग में कार्यरत कर्मियों की जिम्मेवारी दें. वे उनकी उपस्थिति से लेकर पेमेंट तक का काम देखेंगे. विभाग द्वारा बताया गया कि अभी रिम्स में एक ही शव वाहन है, इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कम से कम पांच शव वाहन लें.

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डी के तिवारी, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, रिम्स के निदेशक आर के श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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