रांची : ऑपरेशन मुस्कान पर लगा है ब्रेक, कैसे लौटेंगे लापता बच्चे

रांची : लापता बच्चों की खोज के लिए चलाये जाने वाले ऑपरेशन मुस्कान पर ब्रेक लगा हुआ है. चाहकर भी झारखंड पुलिस आॅपरेशन की शुरुआत नहीं कर सकता. अधिकारियों के मुताबिक ऑपरेशन मुस्कान की मॉनिटरिंग केंद्र सरकार के स्तर से की जा रही है. ऐसे में अब जब केंद्र की अनुमति होगी, तभी ऑपरेशन मुस्कान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2018 8:50 AM
रांची : लापता बच्चों की खोज के लिए चलाये जाने वाले ऑपरेशन मुस्कान पर ब्रेक लगा हुआ है. चाहकर भी झारखंड पुलिस आॅपरेशन की शुरुआत नहीं कर सकता. अधिकारियों के मुताबिक ऑपरेशन मुस्कान की मॉनिटरिंग केंद्र सरकार के स्तर से की जा रही है.
ऐसे में अब जब केंद्र की अनुमति होगी, तभी ऑपरेशन मुस्कान की शुरुआत झारखंड सहित अन्य राज्यों में होगी. ऐसे में सवाल अपनी जगह पर अब भी कायम है कि झारखंड के लापता 255 नाबालिगों में से 107 बच्चे और 148 बच्चियाें की खोज व्यापक तौर पर कैसे होगी. इस बाबत पुलिस के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि झारखंड पुलिस अपने स्तर से लापता बच्चों की खोज के लिए कदम उठा रही है, लेकिन जब ऑपरेशन मुस्कान चलेगा तभी सार्थक परिणाम सामने आयेगा.
पूर्व में एक जनवरी 2015 से अगस्त 2017 तक चले पांच चरणों के ऑपरेशन मुस्कान में कुल 2675 बच्चों को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, गुजरात और बिहार से बरामद किया गया था.
उल्लेखनीय है कि मानव तस्करी आदिवासी बहुल इलाके में ज्यादा होती है. बच्चों को घरेलू काम के बहाने ले जाया जाता है. बालश्रम कानून का उल्लंघन कर उनसे दूसरे काम कराये जाते हैं. रेस्क्यू कर लाये गये बच्चों के पुनर्वास की भी उचित व्यवस्था नहीं है. उनकी मॉनिटरिंग भी नहीं होती. मजबूरन वे दोबारा ट्रैफिकिंग के शिकार हो जाते हैं.
झारखंड में पिछले साल 255 नाबालिग लापता हुए, इनमें 107 बच्चे व 148 बच्चियां शामिल
एएचटीयू से हुआ आंशिक फायदा
मानव तस्करी रोकने के लिए वर्ष 2011 में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) गुमला नगर थाना, सिमडेगा नगर थाना, खूंटी नगर थाना, दुमका नगर थाना, रांची कोतवाली थाना, पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा सदर थाना, लोहरदगा सदर थाना व पलामू सदर थाने में शुरू किया गया था. इन थानों के जरिये कई मानव तस्करों पर कार्रवाई हुई. बच्चों की बरामदगी भी हुई. लेकिन जिस ढंग से परिणाम सामने आना चाहिए था, वह नहीं आ रहा है.
कब-कब चला ऑपरेशन कितने बच्चे हुए रेस्क्यू
एक जनवरी 2015 से 15 मई 2015 : 778 बच्चे
एक जुलाई 2015 से अगस्त 2015 : 660 बच्चे
एक जनवरी 2016 से 09 फरवरी 2016 : 482 बच्चे
एक जुलाई 2016 से अगस्त 2016 : 432 बच्चे
एक जुलाई 2017 से अगस्त 2017 : 321 बच्चे

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