रांची : अपर बाजार से पटाखों की दुकान हटाकर सुरक्षित जगह पर ले जायें
हाइकोर्ट से भी पटाखा विक्रेताओं को नहीं मिली राहत, मिला आदेश रांची : अपर बाजार में बड़ी संख्या में पटाखों की दुकानें स्थित हैं. जिला प्रशासन की टीम ने अपर बाजार का मुआयना कर इन पटाखा दुकानों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक माना था. एसडीओ को सौंपी जांच रिपोर्ट में अधिकारियों ने कहा था […]
हाइकोर्ट से भी पटाखा विक्रेताओं को नहीं मिली राहत, मिला आदेश
रांची : अपर बाजार में बड़ी संख्या में पटाखों की दुकानें स्थित हैं. जिला प्रशासन की टीम ने अपर बाजार का मुआयना कर इन पटाखा दुकानों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक माना था. एसडीओ को सौंपी जांच रिपोर्ट में अधिकारियों ने कहा था कि जिन स्थानों में दुकानें हैं, वह घनी आबादी वाला इलाका है. ऐसी जगह पर पटाखों की दुकानें होना खतरनाक है.
रिपोर्ट में अधिकारियों ने यह भी कहा था कि जिन इलाकों में पटाखों की दुकानें हैं, वहां की सड़क मात्र 30 फीट चौड़ी है. ऐसे में यहां फायर ब्रिगेड के वाहनों का जाना मुश्किल है. इस रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने अपरा बाजार के पटाखा विक्रताओं को नोटिस देकर दुकानें हटाने को कहा था. नोटिस के जवाब में दुकानदारों ने कहा कि वह नियमों का पालन कर रहे हैं. दुकान में सुरक्षा के सभी उपाय किये गये हैं. लेकिन, जिला प्रशासन इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और दुकानों को हटाने का आदेश दिया.
प्रशासन के आदेश को दी थी चुनौती : जिला प्रशासन के आदेश को पटाखा दुकानदारों ने हाइकोर्ट में चुनौती दी. हाइकोर्ट में दुकानदारों की ओर से कहा गया कि प्रशासन का आदेश नियमों के खिलाफ है. उनके दुकान में सुरक्षा के सभी इंतजाम हैं. सड़क पर पानी के टैंकर हर दिन गुजरते हैं. किसी प्रकार की समस्या नहीं होती. न ही जाम होता है, जबकि सरकार की ओर से इसका विरोध किया गया. सरकार का कहना था कि घनी आबादी में पटाखा दुकानें नहीं खोली जा सकतीं. दूसरे राज्यों में पटाखों की दुकानों में आग लगने से घनी आबादी वाले इलाके में काफी नुकसान उठाना पड़ा था.
हाइकोर्ट ने निष्पादित कर दी याचिका
प्रशासन के आदेश को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में नौ याचिकाएं दायर की गयी थीं. इन याचिकाओं पर जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने एक साथ सुनवाई की. सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने सभी दुकानों को आदेश की तिथि से दो माह के अंदर अपनी दुकानें अपर बाजार से शिफ्ट करने का आदेश दिया. उस स्थान पर दुकानें लगाने को कहा, जहां घनी आबादी नहीं हो. इसके लिए संबंधित कार्यालयों में आवेदन देने को कहा गया. कोर्ट ने विभाग को इन आवेदनों पर प्राथमिकता पर विचार करने का निर्देश दिया.