बालू उत्खनन पर पाबंदी लगते ही कालाबाजारी शुरू
15 जून से 15 सितंबर तक बालू उत्खनन पर है रोक रांची : 15 जून से बालू घाटों से बालू के उत्खनन पर रोक लगते ही बालू के दाम में एक हजार रुपये तक का उछाल आ गया है. बालू की कालाबाजारी शुरू हो गयी है. ये कालाबाजारी डीलर लाइसेंस ले चुके लोगों द्वारा किया […]
15 जून से 15 सितंबर तक बालू उत्खनन पर है रोक
रांची : 15 जून से बालू घाटों से बालू के उत्खनन पर रोक लगते ही बालू के दाम में एक हजार रुपये तक का उछाल आ गया है. बालू की कालाबाजारी शुरू हो गयी है. ये कालाबाजारी डीलर लाइसेंस ले चुके लोगों द्वारा किया जा रहा है. गौरतलब है कि राज्य सरकार बरसात में बालू की किल्लत न हो इसके लिए बालू स्टॉक करने हेतु डीलर लाइसेंस देती है. रांची में करीब 35 ऐसे लाइसेंस दिये गये हैं. जिन्हें बालू स्टॉक कर रखने की इजाजत है.
मई में रेट 2500 प्रति ट्रक अभी है 3500 से 4500
रांची शहर में मई के अंत तक बालू की दर 2500 रुपये प्रति ट्रक थी. स्टॉक के लिए डीलर लाइसेंस मिलते ही बालू की दरों में वृद्धि होने लगी. जून के पहले सप्ताह में तीन हजार रुपये प्रति ट्रक दर हो गयी. जानकारी के मुताबिक 15 जून के ठीक पहले तक दर 3500 रुपये प्रति ट्रक थी और 15 जून को एनजीटी के आदेश से बालू उत्खनन पर रोक लगते ही रेट मनमाने तरीके से बढ़ा दिया गया. कहीं 4000 रुपये तो कहीं 4500 रुपये प्रति ट्रक की दर से बालू मिल रहा है.
20 दिनों में ही बालू का दाम डेढ़ से दो हजार रुपये तक बढ़ा
सरकारी दर है 400 रुपये प्रति एक सौ सीएफटी
झारखंड सरकार द्वारा बालू की जो दर निर्धारित की गयी है उसके अनुसार 400 रुपये एक सौ सीएफटी है. एक टर्बो 709 ट्रक में 130 सीएफटी बालू की क्षमता है. इसका भाड़ा आदि खर्च जोड़ कर दर करीब 2200 से 2500 रुपये तक ही आती है. बालू की कालाबाजारी न हो इसके लिए सरकार ने डीलरों को स्टॉक लाइसेंस दिया था, पर अब डीलर ही बालू की दर बढ़ाने लगे हैं.
फिलहाल जेएसएमडीसी नहीं कर सकेगा बालू की आपूर्ति
झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) को सरकार ने बड़े बालू घाट सौंप दिये हैं. पर अभी जेएसएमडीसी उन्हीं घाटों को ले सकता है जहां बालू की नीलामी नहीं हुई हो. जेएसएमडीसी द्वारा झारखंड के सात जिलों के बालू घाटों के लिए पर्यावरण स्वीकृति (इसी) के आवेदन स्टेट लेवल इनवायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट अॉथोरिटी(सिया) के पास अप्रैल माह में ही दिया गया था. बताया गया कि पहले चरण में पलामू, चतरा, दुमका, देवघर, खूंटी, गढ़वा और गोड्डा के लिए आवेदन दिये गये थे. जेएसएमडीसी उत्खनन की सारी तैयारी पूरी कर चुका था लेकिन 31 मई को सिया की
बैठक में इसी नहीं मिला सका. जिसके कारण जेएसएमडीसी बालू की आपूर्ति नहीं कर सकेगा. जेएसएमडीसी अॉनलाइन सरकारी दर पर बालू उपलब्ध कराने की योजना बना चुका था.
पूरे राज्य में एक समान होगी दर
बताया गया कि इस वर्ष लगभग आठ जिलों में जेएसएमडीसी के माध्यम से अॉनलाइन बालू की बिक्री आरंभ होगी. फिर अगले वर्ष से पूरे राज्य के सभी बालू घाटों से बालू की बिक्री अॉनलाइन ही होगी. जेएसएमडीसी द्वारा सभी घाटों के लिए माइंस डेवलपर अॉपरेटर (एमडीओ) की नियुक्ति कर ली गयी है. बताया गया कि पूरे राज्य में बालू की दर एक समान होगी. यानी रांची में बालू की जो दर होगी, वही जामताड़ा में भी होगी. जिन्हें घर बनाने के लिए बालू की जरूरत होगी वे जेएसएमडीसी की साइट पर जाकर अॉनलाइन अॉर्डर करेंगे और बालू उनके द्वारा दिये गये निर्धारित पते पर अगले दिन मिल जायेगा. जेएसएमडीसी ने खूंटी और गढ़वा जिले के बालू घाटों के पर्यावरण स्वीकृति (इसी) के लिए स्टेट इनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट कमेटी (सिया) को दिया था. पर इसी न मिलने की वजह से जेएसएमडीसी बालू घाटों से उत्खनन नहीं कर सका. जिसके चलते सरकारी दर पर लोग बालू खरीदने से वंचित हो गये हैं. अब 15 सितंबर के बाद ही जेएसएमडीसी बालू घाटों से उत्खनन कर सकता है.
क्या थी दर और क्या है
प्रकार क्षमता मई की दर 15 जून की दर
टर्बो 709 130 सीएफटी 2500 4000-4500
डंपर 330 सीएफटी 5500 8000
एलपी ट्रक 500 सीएफटी 9000 12000