रांची : स्वास्थ्य विभाग में आयुष के तहत अौषधीय पादप बोर्ड (मेडिसिनल प्लांट बोर्ड) का गठन किया गया है. इसका काम राज्य में अौषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देना है. किसी संस्था या व्यक्ति को अौषधीय पौधों की खेती करने पर 30 से 75 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है. यह सब्सिडी तीन वर्गों (30, 50 व 75 फीसदी) में विभाजित है.
सब्सिडी का निर्धारण अौषधीय पौधों के तैयार होने की अवधि को ध्यान में रख कर निर्धारित किया जाता है. जल्दी तैयार होने वाले पौधों के लिए 30, वहीं लंबी अवधि वाले पौधों के लिए अधिकतम 75 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. कुल 75 किस्म के पौधों की खेती के लिए 30 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. वहीं 50 फीसदी सब्सिडी वाले 45 पौधों तथा 75 फीसदी सब्सिडी के लिए कुल 19 प्रकार के पौधे हैं, जिनकी खेती की जा सकती है. सब्सिडी के साथ खेती करने के लिए कम से कम एक एकड़ खेत का होना जरूरी है. वहीं इससे पहले संस्था या किसी व्यक्ति को बोर्ड में अपना निबंधन कराना भी जरूरी है.
निबंधन के लिए क्या चाहिए : संस्था के निबंधन के लिए संस्था का निबंधन प्रमाण-पत्र, इसके गठन का उद्देश्य, गत तीन वर्षों की अॉडिट रिपोर्ट, संस्था के पैन कार्ड की प्रति, आयकर अधिनियम 12-ए पंजीकरण की प्रति तथा नाम, पता व मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना होता है. वहीं व्यक्तिगत स्तर पर निबंधन के लिए फोटो पहचान पत्र, जमीन का विवरण (खाता, खेसरा व रकबा), भूमि के स्वामित्व का प्रमाण-पत्र, लगान रसीद की प्रति, सिंचाई सुविधा का विवरण तथा उपरोक्त सभी दस्तावेज ग्राम प्रधान या मुखिया द्वारा अभिप्रमाणित होने चाहिए.
कहां होगा निबंधन : निबंधन के लिए आरसीएच परिसर, नामकुम स्थित आयुष निदेशालय में संपर्क करना होगा.