कानून होने के बाद भी लाभ से वंचित हैं घरेलू कामगार

रांची : राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन व झारखंड घरेलू कामगार यूनियन द्वारा शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस मनाया गया़ एसडीसी, पुरूलिया रोड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार घरेलू कामगार सहित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2018 4:27 AM

रांची : राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन व झारखंड घरेलू कामगार यूनियन द्वारा शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस मनाया गया़ एसडीसी, पुरूलिया रोड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार घरेलू कामगार सहित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है़ वह हमेशा जन साधारण के हित की रक्षा के लिए तत्पर रहे हैं और हमेशा घरेलू कामगारों के हितों के लिए साथ देते रहेंगे़ विशिष्ट अतिथि सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि आइएलओ सी-189 व घरेलू कामगारों के लिए राष्ट्रीय कानून का मुद्दा संसद में रखेंगे़

जब भी किसी घरेलू कामगार के हित की बात आयेगी, वह पीछे नहीं रहेंगे़ विधायक जीतू चरण ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रहे योजनाओं के बारे में जानकारी दी़ बाल कल्याण समिति की पूर्व सदस्य मीरा मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता राजन, आली संगठन की अधिवक्ता रेश्मा सिंह ने भी विचार रखे़

लिक्स रोज ने कहा कि आइएलओ सी-189 घरेलू काम को परिभाषित करते हुए घरेलू कामगारों के मर्यादा पूर्ण कार्य, उचित मजदूरी, साप्ताहिक छुट्टी, सुरक्षित कार्यस्थल आदि की बात करता है़ पर कानून लागू नहीं होने से घरेलू कामगार को न सही मजदूरी मिलती है, न साप्ताहिक छुट्टी, न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ, न पौष्टिक भोजन, न पीने का साफ पानी, न आवास और न ही बच्चों की शिक्षा़ इसके अतिरिक्त वे मानसिक, शारीरिक व यौन शोषण का भी शिकार होते है़ं अधिक उम्र के होने पर इनके पास कोई बचत नहीं होती है, न ही किसी योजना का लाभ मिल पाता है. इस अवसर पर झारखंड घरेलू कामगार यूनियन के सदस्यों ने गीत व नृत्य भी प्रस्तुत किया़ कार्यक्रम में पांच जिलों से लगभग 500 घरेलू कामगार
उपस्थित थे़
सरकार व श्रम विभाग से क्या है मांग
आइएलओ सी-189 का भारत सरकार अविलंब समर्थन करे
घरेलू कामगारों के लिए समुचित कानून बने
घरेलू कामगारों की
मजदूरी काम के हिसाब से निर्धारित हो
घरेलू कामगारों को बीपीएल सूची में शामिल किया जाये
शहर में घरेलू कामगारों के लिए आवास की व्यवस्था की जाये

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