विकास के बहाने जमीन पर जबरन हक चाहती है सरकार: शिबू और क्या कहा
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भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर लोगों में भय, समीक्षा करेगा झामुमो
सरकार के कामकाज पर जताया असंतोष
भाजपा के बड़े नेता ही सरकार से खुश नहीं
रांची/जमशेदपुर : झामुमाे सुप्रीमाे शिबू साेरेन ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी प्राप्त भूमि अधिग्रहण कानून 2017 की झामुमाे जल्द समीक्षा करेगा. कानून काे लेकर झारखंड के लोगों में भय का माहाैल है. विकास का बहाना बनाकर सरकार लाेगाें की जमीन पर जबरन हक जमाना चाहती है. पूंजीपतियाें काे कानून से अधिक लाभ होगा, बदले में गरीब जमीन मालिकाें काे क्या मिलेगा, इसके बारे में समीक्षा करनी हाेगी. काेई किसी की जमीन जबरन कैसे ले सकता है. राष्ट्रपति ने किन बिंदुआें का हवाला देते हुए इसे पारित किया है, उसकी पड़ताल करने काे कहा गया है. श्री साेरेन शनिवार काे जमशेदपुर सर्किट हाउस में पत्रकाराें से बातचीत कर रहे थे.
श्री सोरेन ने कहा कि रघुवर दास के शासन काल से उनके ही लाेग खुश नहीं हैं, ताे भला वह कैसे खुश हाेंगे. अब ताे उनकी ही पार्टी के वरीय नेताआें ने ही खुल कर टिप्पणी करनी शुरू कर दी है. इस मामले में उन्हें जवाब देना चाहिए. विपक्षी पार्टी हाेने के नाते झामुमाे ने जब- जब जनसराेकार के मुद्दाें काे उठाया है ताे उसे घटिया राजनीति का नाम दिया गया है, लेकिन अब उन्हीं के लाेग सरकार की नीतियाें काे गलत बता रहे हैं ताे उस पर मुख्यमंत्री ने चुप्पी क्याें साध रखी है. एक सवाल के जवाब में कहा कि लाेकसभा आैर राज्यसभा चुनाव में झामुमाे महागठबंधन का धर्म निभायेगा. उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशियाें काे मिली जीत से भाजपा आैर उसके सहयाेगियाें काे अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि उनके दिन अब लद चुके हैं. शिबू ने कहा कि झामुमाे कार्यकर्ताआें काे चुनाव की तैयारी में जुट जाना चाहिए. सरकार की हर एक गलत नीति का जाेरदार ढंग से विराेध करना चाहिए. सर्किट हाउस में शिबू साेरेन का स्वागत उपाध्यक्ष चंपई साेरेन, जिलाध्यक्ष रामदास साेरेन, सुमन महताे, श्यामल रंजन सरकार, लालटू महताे, गुरमीत सिंह गिल, पवन सिंह सहित अन्य ने किया.