रांची : हजारीबाग के पूर्व सांसद और देश के वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा सोमवार को रांची स्थित एक कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली. कोर्ट ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन और पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोपों से बरी कर दिया है. ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट वैशाली श्रीवास्तव की अदालत ने यशवंत सिन्हा के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष यदुनाथ पांडेय, राज्यसभा सांसद रहे अजय मारू और झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
इन चारों नेताओं पर कांके स्थित हॉट लिप्स चौक पर 12 अगस्त, 2008 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. करीब 10 साल के बाद इन्हें ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने बरी कर दिया.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि तत्कालीन मधु कोड़ा सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया था. इसी दौरान मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए इन वरिष्ठ नेताओं ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया था. करीब 10 साल चले इस मुकदमे में अभियोजन ने 8 गवाह पेश किये, लेकिन आरोपियों का जुर्म साबित नहीं कर पाया.