सबसे धनी ही सबसे दुखी: क्षमा राम जी

रांची: दुनिया में सबसे दुखी वही है, जिसके पास पर्याप्त धन है. धनी आदमी ही अपने धन को लेकर चिंतित रहता है. जिसके पास कुछ नहीं है, वह सबसे खुश है. उक्त बातें महंत क्षमा राम जी ने शनिवार को निराकार द्वारा मारवाड़ी भवन में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कही. उन्होंने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2014 9:41 AM

रांची: दुनिया में सबसे दुखी वही है, जिसके पास पर्याप्त धन है. धनी आदमी ही अपने धन को लेकर चिंतित रहता है. जिसके पास कुछ नहीं है, वह सबसे खुश है. उक्त बातें महंत क्षमा राम जी ने शनिवार को निराकार द्वारा मारवाड़ी भवन में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कही.

उन्होंने कहा कि एक धनी व्यक्ति अपने आनेवाली पीढ़ियों को लेकर चिंता करता है, परंतु निर्धन के पास अगर एक समय का खाना हो, तो वह किसी चीज की चिंता नहीं करता. कार्यक्रम के आयोजन में नीरू तोदी, प्रवीण डोकानिया, किशन डालमिया, विभोर डांगा, गोविंद अग्रवाल, मिनी शर्मा, प्रमोद सारस्वत, सुरेश बजाज, विनोद अग्रवाल, संजय जैन, मदन सोनी आदि का योगदान महत्वपूर्ण रहा. कार्यक्रम के प्रथम सत्र में राजा परीक्षित की कथा, अजामिल और चित्रकेतु के कथा का श्रवण श्रोताओं को कराया गया.

गाय सभी के लिए पूजनीय : गाय को देखते ही हमारे मन में सदगुण पैदा होता है. गाय माता आज भी घास खाकर आपको पीने के लिए दूध देती है. गाय का गोबर और गो मूत्र आदमी इतना काम में आता है कि उससे शरीर की सारी बीमारी दूर हो जाती है. उन्होंने कहा कि दुनिया में सत्संग का सबसे बड़ा साधन भागवत है.

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