सिमडेगा में मृत बकरी का मांस खा दो लोग एंथ्रेक्स के हुए शिकार

स्वास्थ्य विभाग ने गठित की थी जांच टीम, पड़ताल के बाद विभाग को सौंपी गयी रिपोर्ट रांची : सिमडेगा में मृत बकरी की मांस खाने से दो लोगों को एंथ्रेक्स बीमारी हुई. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है और लोगों से मृत जानवरों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2018 7:34 AM
स्वास्थ्य विभाग ने गठित की थी जांच टीम, पड़ताल के बाद विभाग को सौंपी गयी रिपोर्ट
रांची : सिमडेगा में मृत बकरी की मांस खाने से दो लोगों को एंथ्रेक्स बीमारी हुई. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित जांच दल ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है और लोगों से मृत जानवरों का मांस नहीं खाने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि समाचारपत्रों में सात जून को खबर आयी थी कि सिमडेगा में एंथ्रेक्स के तीन संदिग्ध मरीज मिले हैं. इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिमडेगा के पाकरटांड प्रखंड के खंजालोया कदमटोली गांव में जिला सर्विलेंस पदाधिकारी, जिला एपिडेमियोजालिस्ट, जिला मलेरिया सलाहकार एवं मनीपाल एएफआइ सेंटर सिमडेगा तथा पशुपालन विभाग की टीम ने भ्रमण किया.
22 मई को छह लोगों ने खाया था मृत बकरी का मांस
आंक्रांत मरीजों ने जांच दल को बताया गया कि 22 मई को एगनेश विलुंग की बकरी की मौत अचानक हो गयी थी. इसके बाद उनलोगों ने कुल छह सहयोगियों के साथ मिलकर मृत बकरी की मांस का सेवन किया.
चार-पांच दिनों बाद ही मृत बकरी की काट-छांट करने वाले कुल दो लोगों विपिन विलुंग और विजय विलुंग में घाव के लक्षण उनके हाथ की अंगुलियों पर नजर आने लगे. एक जून 2018 को दोनों मरीज सिमडेगा में डॉ जगदीश प्रसाद के क्लिनिक में जाकर इलाज कराया. डॉक्टर ने मरीजों में एंथ्रेक्स होने की बात बतायी. उन्होंने चार जून 2018 को जिला सर्विलेंस इकाई सिमडेगा को इसकी सूचना दी.
टीम ने दोनों मरीजों का सैंपल प्रयोगशाला में जांच के लिए लिया है. टीम के सदस्यों ने लोगों को समझाया भी मृत जानवरों के मांस का सेवन न करें. बल्कि उन्हें जला दें या गाड़ दें. फिलहाल मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

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