4 साल में उद्योगों को लिए कितनी जमीन छीनी, बताएं राजनीति के लिए विरोध कर लोगों को दिग्भ्रमित न करें : रघुवर दास

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी, भूमि अधिग्रहण आदि मुद्दों पर अब तक केवल राजनीति होती रही है. स्थानीय नीति परिभाषित होने के साथ ही राज्य में सरकारी नौकरियों के द्वार खुल गये हैं. तीन माह में स्थानीय नीति बनाने के नाम पर आयी पिछली सरकार ने 14 माह तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2018 8:00 AM
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्थानीय नीति, सीएनटी-एसपीटी, भूमि अधिग्रहण आदि मुद्दों पर अब तक केवल राजनीति होती रही है. स्थानीय नीति परिभाषित होने के साथ ही राज्य में सरकारी नौकरियों के द्वार खुल गये हैं.
तीन माह में स्थानीय नीति बनाने के नाम पर आयी पिछली सरकार ने 14 माह तक कुछ नहीं किया. हमने सुझाव भी मांगें, पर नहीं दिया. केवल राजनीति के तहत विरोध कर रहे हैं. भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार उद्योगपतियों के लिए जमीन छीन लेगी.
चार साल में कोई बताये कि उद्योगों के लिए किसकी जमीन छीनी गयी है. पिछली सरकार के मुखिया ने ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर कई स्थानों पर जमीन ली है. मुख्यमंत्री मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में ट्राइबल ड्रीम एवं जय आदिवासी युवा शक्ति के युवा सम्मेलन में बोल रहे थे
आठ माह में रैयतों को चार गुना मुआवजा मिलेगा : उन्होंने कहा : भूमि अधिग्रहण मामले में जो संशोधन किये गये हैं, वे जल्द मुआवजे की राशि दिलाने के लिए सहायक साबित होंगे. सरकारी आधारभूत परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण कानून को सरल किया गया है.
कानून सरल और सामान्य व्यक्ति को शक्ति देनेवाला होना चाहिए. इसलिए सरकार ने 2013 के कानून का सरलीकरण किया है. पहले मुआवजा राशि मिलने में काफी समय लगता था. रैयतों को ढाई से पांच साल का इंतजार करना पड़ता था. नये संशोधन के बाद अधिकतम आठ माह में रैयतों को बाजार दर से चार गुना मुआवजा राशि मिल जायेगी. लेकिन कुछ लोग राजनीति कर गांव, गरीब, आदिवासी का विकास नहीं चाहते हैं.
आदिवासी युवाओं की टीम झूठ का पर्दाफाश करें : उन्होंने कहा : गांव में बिजली पहुंचेगी, तो हर किसी काविकास होगा. स्कूल खुलेंगे, तो हर किसी के बच्चों को शिक्षा मिल सकेगी.
अस्पताल खुलेंगे, तो हर कोई चिकित्सा का लाभ ले सकेगा. नहर बनेंगी, तो बहु फसलीय खेती हो सकेगी. लेकिन लोगों के बीच भ्रम फैला कर उन्हें विकास से दूर रखने की साजिश रची जा रही है. पढ़े-लिखे आदिवासी युवाओं की टीम इनकी झूठ का पर्दाफाश करें.
ग्रुप बना कर गाय पालन करें युवा : मुख्यमंत्री ने कहा : जनजाति समाज के युवा ग्रुप बनाकर गाय पालन करें. प्रोसेसिंग प्लांट लगायें. इससे उन्हें आमदनी भी होगी. वे लोगों को रोजगार दे सकेंगे. सरकार 100 प्रखंडों में कोल्ड रूम बनाने जा रही है. इनके संचालन का काम भी इन्हीं के माध्यम से कराया जायेगा. हर जिले में पोल्ट्री फेडरेशन सोसाइटी बनायी जा रही है, जिसमें आदिवासी महिलाओं को मुर्गी पालन का काम दिया जायेगा. मुर्गी से उत्पादित अंडों को गांव में ही विद्यालय समिति द्वारा खरीदा जायेगा.
मीठी क्रांति में शामिल होकर शहद उत्पादन कर युवा आमदनी कर सकते हैं. रेडी टू इट में भी 15000 महिलाओं को जोड़ा जा रहा है, जो ताजा भोजन बनाकर आंगनबाड़ी में उपलब्ध करायेंगी. इससे राज्य का 400 करोड़ रुपये राज्य में ही रह जायेगा. ग्रामीण परिवहन व्यवस्था में भी आदिवासी युवा ग्रुप बनाकर अपनी बस चला सकते हैं. सम्मेलन में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, धर्मगुरु बंधन तिग्गा, ट्राइबल ड्रीम के झारखंड को-ऑर्डिनेटर एंथोनी, उप संरक्षक सुनील हेंब्रम समेत बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे.
पिछली सरकार के मुखिया ने ही सीएनटी-एसपीटी का उल्लंघन कर कई जमीन ली
बालू निकालने का काम ट्राइबल ड्रीम व अन्य सोसाइटी को
मुख्यमंत्री ने कहा : बड़े बालू घाटों से बालू निकालने का काम ट्राइबल ड्रीम समेत अन्य सोसाइटी को दिया जायेगा. इससे युवक-युवतियों को रोजगार मिलेगा. इसके लिए जल्द ही एक सरकार पॉलिसी लायेगी.
108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा में चालकों के लिए संस्था के सदस्यों को सरकार प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ेगी. एसटी व एससी के मामलों के निबटारे के लिए एक अलग सेल भी बनाया जायेगा. सरकार इनके कौशल विकास के लिए भी कृतसंकल्प है. कौशल विकास होते ही इन्हें रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा. अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक लोन दिलाने में सरकार मदद करेगी.
उन्होंने कहा : झारखंड जैसे समृद्धशाली राज्य की गोद में गरीबी पल रही है. शिक्षा से ही गरीबी को समाप्त किया जा सकता है. इसलिए सरकार शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है. कौशल विकास इसी की एक कड़ी है. लोगों को हुनरमंद बना कर उन्हें आसानी से रोजगार से जोड़ा जा सकता है.

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