रांची और जामताड़ा में रघुवर दास ने विपक्ष पर साधा निशाना, कहा, सोरेन परिवार ने आदिवासियों को सबसे ज्यादा लूटा

रांची/जामताड़ा : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में सोरेन परिवार ने सबसे ज्यादा आदिवासियों को लूटा है. एक-एक दिन में मां, पत्नी, बेटी, बहू के नाम पर छह-छह रजिस्ट्री करा ली है. क्या इनके पास पैसा छापने की मशीन है. इन लोगों ने कहां-कहां नहीं लूटा है. दुमका, संताल परगना, बोकारो, धनबाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2018 7:27 AM
रांची/जामताड़ा : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य में सोरेन परिवार ने सबसे ज्यादा आदिवासियों को लूटा है. एक-एक दिन में मां, पत्नी, बेटी, बहू के नाम पर छह-छह रजिस्ट्री करा ली है. क्या इनके पास पैसा छापने की मशीन है. इन लोगों ने कहां-कहां नहीं लूटा है.
दुमका, संताल परगना, बोकारो, धनबाद में सोरेन परिवार के लोगों ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है. ये लोग कंबल ओढ़ कर घी पी रहे हैं. मुख्यमंत्री बुधवार को रांची में कांके के गागी गांव में कृषि विभाग की ओर से आयोजित चौपाल को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री बुधवार को जामताड़ा में भी थे. यहां भी उन्होंने विपक्ष पर जम कर निशाना साधा.
ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत : रांची में मुख्यमंत्री ने झामुमो और सोरेन परिवार पर निशाना साधते हुए कहा : मैं 1995 से राजनीति कर रहा हूं. एक भी सीएनटी एक्ट के उल्लंघन का मामला मेरे ऊपर नहीं है. यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं. ये लोग केवल आदिवासी के नाम पर रोते हैं.
ये नहीं चाहते हैं कि आदिवासी के बच्चे पढ़ाई करें. पढ़ाई कर लेंगे, तो इनको दिशोम गुरु बोलने वाला कौन रहेगा. मुझे खुशी है कि अब आदिवासी इन्हें समझने लगे हैं. वह जानने लगे हैं कि सोरेन परिवार ने आदिवासी और गरीबों को लूटा है.
घोटालेबाज हैं ये लोग : मुख्यमंत्री ने कहा : झारखंड में मेरी सरकार बनने से पहले बिचौलियों का गिरोह था. जब-जब बीजेपी सरकार अच्छा काम करती थी, तो सरकार गिरा दी जाती थी.
2006 में इन लोगों ने मिल कर सरकार बनायी थी. चार हजार करोड़ का घोटाला किया. पिछले दिनों तीन हजार करोड़ से अधिक का चार्जशीट इन पर हुआ है. असल में ये लोग घोटालेबाज हैं. इनका काम राज्य की जनता को गुमराह करना है. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
आठ माह में ही मिलेगा मुआवजा : उन्होंने कहा : सड़कें चौड़ी होनी चाहिए. बच्चों को स्कूल चाहिए. टॉयलेट चाहिए. लेकिन विपक्षी पार्टियां अपनी रोटी सेंकने में लगी हैं. हमारी सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल में जो कुछ भी तय किया है, उससे जनता का काम आसानी से हो सकेगा. जमीन का मुआवजा नहीं मिलता था.
लोग दो-दो साल तक दौड़ते रहते थे. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में दो-ढाई साल लग जाते थे. हमने सरलीकरण किया है. जो पैसे दो साल में मिलते थे. वह आठ माह में मिल जायेंगे. यह विकास विरोधी विपक्षी नेता के मुंह पर तमाचा मारने के जैसा है. इस कारण उनको दुख हो रहा है.
एक-एक गरीब बदलाव चाहता है : मुख्यमंत्री ने कहा : मैं गरीब परिवार से आता हूं. घोलप जी भी आइएएस हैं. वह भी गरीब परिवार से आते हैं. उनकी मां चूड़ी बेचती थीं. चूड़ी बेच कर आइएएस बनाया है. गांव में कॉलेज नहीं होंगे, तो ऐसे लोग कैसे पढ़ाई करेंगे. आंगनबाड़ी, यूनिवर्सिटी नहीं होगी, तो विकास कैसे होगा. मैंने संकल्प लिया है.
मुझे एक रुपये लेना-देना नहीं है. यहां की गरीबी को दूर करना है. गरीब के जीवन में बदलाव लाना है. एक-एक गरीब बदलाव चाहता है. लेकिन विकास विरोधी पार्टियों को और उनके नेताओं को यह बात समझ में नहीं आ रही है.
क्या-क्या बोले सीएम
विपक्ष के लोग नहीं चाहते हैं कि आदिवासी के बच्चे पढ़ाई करें
दुमका, संताल परगना, बोकारो, धनबाद में सोरेन परिवार ने सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया
भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन से जनता का काम आसानी से हो सकेगा
…उधर जामताड़ा में बोले मुख्यमंत्री
1993 में झारखंड को झामुमो ने बेचा
जामताड़ा के दुलाडीह मैदान में आयोजित विकास सह प्रदर्शनी मेले में मुख्यमंत्री ने कहा : झामुमो ने वर्षों से यहां के आदिवासियों को ठगने का काम किया है. झामुमो ने 1993 में इस राज्य को बेचा है. विपक्ष गरीब आदिवासी को बेवकूफ बनाकर सिर्फ वोट लेना चाहता है. 60 साल तक गरीब आदिवासी को वोट बैंक मानकर अपनी मत पेटी भरने का काम किया है.
वर्तमान सरकार इन गरीब आदिवासियों की जिंदगी में बदलाव लाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा : विपक्ष ने पहले भी गठबंधन कर राज्य को लूटा है. कांग्रेस ने गरीब आदिवासी निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा को सीएम बनाकर चार हजार करोड़ का घोटाला कर उन्हें जेल भिजवा दिया. आरजेडी व झामुमो ने मधु खाने का काम किया है.

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