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रांची : हड़ताल में शामिल 35 नर्सों को रिम्स ने हटाया
रांची : रिम्स में पिछले दिनों हुए हड़ताल में भाग लेनेवाली आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रही 35 नर्सों को प्रबंधन ने हटा दिया है. इसकी पुष्टि करते हुए रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने गुरुवार को आदेश भी जारी कर दिया गया. डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि सारी नर्सें एडवांस एजेंसी की थीं. हड़ताल में […]
रांची : रिम्स में पिछले दिनों हुए हड़ताल में भाग लेनेवाली आउटसोर्सिंग पर कार्य कर रही 35 नर्सों को प्रबंधन ने हटा दिया है. इसकी पुष्टि करते हुए रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने गुरुवार को आदेश भी जारी कर दिया गया. डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि सारी नर्सें एडवांस एजेंसी की थीं.
हड़ताल में जाकर इन नर्सों ने कांट्रेक्ट का उल्लंघन किया और अनुशासनहीनता का परिचय दिया है. वहीं, एजेंसी को भी दो बार शो-कॉज जारी किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. जिसके बाद इन नर्सों को हटाने की कार्रवाई की गयी है.
ज्ञात हाे कि दो जून को रिम्स में नर्सें हड़ताल पर चली गयी थीं. आरोप है कि इसमें ये सारी नर्सें शामिल थीं. इन नर्सों ने सुरक्षा, मारपीट करनेवाले परिजन की गिरफ्तारी व सुरक्षा एजेंसी को हटाने की मांग की थी.
रिम्स में स्थायी नर्सों की संख्या 350 है, जो वर्तमान व्यवस्था के तहत पहले से कम हैं. जिन नर्सों को हटाया गया है, वो पिछले एक-दो वर्षों से कार्यरत थीं.
हटाने की सूचना मेट्रॉन ने दी
गुरुवार सुबह सभी नर्सें अपने निर्धारित समय पर ड्यूटी पर पहुंचीं. दिन के करीब 2.30 बजे मेट्राॅन ने किसी नर्स को साइन करने के लिए रजिस्टर नहीं दिया. इस बारे में पूछे जाने पर मेट्रॉन ने कहा कि आपलोगों को नौकरी से हटा दिया गया है. यह सूचना पाते ही मेट्रॉन के कमरे में हंगामा शुरू हो गया. हालांकि, थोड़ी ही देर में मामला शांत हो गया.
स्वास्थ्य मंत्री व नेता प्रतिपक्ष हेमंत से भी मिलीं नर्सें
रिम्स से हटाये जाने का आदेश जारी होते ही रामरेखा राय की अगुवाई में आउटसोर्सिंग पर काम करनेवाली नर्सों ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की और उन्हें मामले की जानकारी दी. उन्हें बताया गया कि प्रबंधन को इन नर्सों को हटाने का कोई हक नहीं है. अगर हटाना है, तो पारा मेडिकल स्टाफ भी हैं.स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वो बात करेंगे. इससे पूर्व सभी नर्सें नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन से भी मिलने पहुंची थीं.
मरीजों की परेशानी बढ़ गयी
दूसरी ओर, अचानक नर्सों को हटा देने से रिम्स के अलग-अलग वार्ड में भर्ती मरीजों को परेशानी हो गयी है. सबसे ज्यादा परेशानी कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी और पीडियाट्रिक्स सर्जरी के मरीजों को होगी. उन्हें समय पर दवा नहीं मिल पायेगी.
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