रांची : विपक्ष साबित करे, संशोधन से उद्योगपतियों को होगा फायदा, नहीं तो माफी मांगे : भाजपा

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन का विरोध कर रहे विपक्ष को भाजपा ने घेरा कहा : प्रतिपक्ष के नेता हां-ना में जवाब दें, सीएनटी-एसपीटी का उल्लंघन किया या नहीं रांची : भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन को लेकर भाजपा ने विपक्ष को घेरा है. भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पत्रकारों से बात करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2018 7:58 AM
भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन का विरोध कर रहे विपक्ष को भाजपा ने घेरा
कहा : प्रतिपक्ष के नेता हां-ना में जवाब दें, सीएनटी-एसपीटी का उल्लंघन किया या नहीं
रांची : भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन को लेकर भाजपा ने विपक्ष को घेरा है. भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विपक्ष लोगों को दिग्भ्रमित कर रहा है. संशोधन को लेकर तथ्य से परे बात कर रहा है. विपक्ष साबित करे कि इस संशोधन से उद्योगपतियों को फायदा होगा. अगर साबित नहीं कर पाये, तो जनता से माफी मांगे.
मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष मनोज मिश्रा और ग्रामीण जिलाध्यक्ष रणधीर सिंह भी मौजूद थे. श्री शाहदेव ने कहा कि विपक्ष कानून और संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से यह लिखित रूप में सिद्ध कर दे की भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में जो संशोधन हो रहे हैं, उससे निजी उद्योग को फायदा होगा. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड में सिंचित क्षेत्र का औसत देश से कम है. इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्रों और राजमार्गों के चौड़ीकरण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. इन प्रयोजनों के लिए आवश्यकता पड़ने पर रैयतों से थोड़ी जमीन ही ली जायेगी. विपक्ष यहां के स्थानीय लोगों को वोट बैंक बनाकर रखना चाहता है.
निजी क्षेत्र में आज भी सामाजिक प्रभाव का प्रावधान जारी : श्री शाहदेव ने कहा कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में निजी क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण करने का जो प्रावधान किया गया था, उसमें उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार और राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार थी. निजी क्षेत्र में आज भी सामाजिक प्रभाव का प्रावधान जारी है.
उन्होंने प्रतिपक्ष के नेता को चुनौती देते हुए कहा कि वह सिर्फ हां या ना में जवाब दें कि उनके द्वारा सीएनटी-एसपीटी कानूनों का उल्लंघन करके जमीन खरीदी गयी है या नहीं. सरकार और कानून तो अपना कार्य करती ही है, लेकिन उच्च पद पर बैठे लोगों को सार्वजनिक जीवन में अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए.

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