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जेएन कॉलेज के लिए मांगी दस एकड़ जमीन, विश्वविद्यालय ने एचइसी को दी कॉलेज संचालन की विस्तृत रिपोर्ट

विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर एचइसी ने दिखाया सकारात्मक रुख 1972 से चल रहा कॉलेज नहीं है अपनी जमीन प्रभावित हो रहा विकास रांची : जेएन कॉलेज धुर्वा की जमीन के लिए रांची विश्वविद्यालय की आेर से सौंपे गये प्रस्ताव पर एचइसी प्रबंधन ने सकारात्मक रुख दिखाया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने एचइसी प्रबंधन से कॉलेज के […]

विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर एचइसी ने दिखाया सकारात्मक रुख
1972 से चल रहा कॉलेज नहीं है अपनी जमीन प्रभावित हो रहा विकास
रांची : जेएन कॉलेज धुर्वा की जमीन के लिए रांची विश्वविद्यालय की आेर से सौंपे गये प्रस्ताव पर एचइसी प्रबंधन ने सकारात्मक रुख दिखाया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने एचइसी प्रबंधन से कॉलेज के लिए दस एकड़ जमीन देने की मांग की है. इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में प्रस्ताव सौंपा गया था. विश्वविद्यालय व एचइसी के अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई है. विश्वविद्यालय ने बुधवार को एचइसी सीएमडी को कॉलेज संचालन के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी. इसमें कॉलेज में वर्तमान में पढ़ रहे कुल विद्यार्थी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी, छात्राओं की संख्या के बारे में पूरी जानकारी दी गयी. कॉलेज में वर्तमान में चल रहे पाठ्यक्रम के साथ-साथ पठन-पाठन की पूरी जानकारी भी दी गयी है.
जेएन कॉलेज धुर्वा की जमीन कॉलेज के नाम से नहीं है, इस कारण कॉलेज का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. कॉलेज का भवन भी एचइसी का ही है.
कॉलेज 1972 से संचालित है. प्रारंभ में कॉलेज का संचालन भी एचइसी प्रबंधन द्वारा किया जाता था. कॉलेज बाद में रांची विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई हो गयी. इसके बाद से कॉलेज का संचालन विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है. जेएन कॉलेज धुर्वा में इंटर व स्नातक स्तर की पढ़ाई होती है. कॉलेज में वोकेशनल कोर्स का भी संचालन होता है.
तैयार हो रहा है सॉफ्टवेयर, विवि का कामकाज हाेगा ऑनलाइन
रांची. विश्वविद्यालय का कामकाज पूरी तरह ऑनलाइन हाेगा. केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसका नाम इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग दिया गया है.
इसके लिए पिछले दिनों केंद्रीय मानव संसाधन विकास के संयुक्त निदेशक डॉ एनएस कुमार की अध्यक्षता में देश के विभिन्न राज्याें के विवि के प्रतिनिधियों की बैठक हुई. बैठक में रांची विश्वविद्यालय की अोर से सीसीडीसी डॉ गिरजा शंकर शाहदेव ने भाग लिया.
विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों से ऑनलाइन कार्य को लेकर विवि की आवश्यकताओं के बारे में भी पूछा गया. रांची विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि विवि में परीक्षा संबंधित कार्य काफी पहले ऑनलाइन कर दिया गया है. भारत सरकार की ओर से इसके लिए साफ्टवेयर तैयार करने की जिम्मेदारी एनआइसी व बीएचयू को दी गयी है. बैठक में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु के विश्वविद्यालय से आये प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण को लेकर तैयारी शुरू
रांची : रांची विश्वविद्यालय में एलएलबी इंटिग्रेटेड कोर्स की पढ़ाई को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम 28 से 30 जून तक इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी सेंटर का निरीक्षण करेगी. टीम के निरीक्षण को लेकर विवि प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है.
विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ रमेश पांडेय ने गुरुवार को इस संबंध में सीसीडीसी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. सेंटर का भवन तो तैयार है, पर उसमें कुर्सी, टेबल, बेंच-डेस्क समेत अन्य कोई भी आवश्यक संसाधन नहीं हैं. सेंटर के पुस्तकालय में किताब भी नहीं है.
विश्वविद्यालय के पास काफी कम समय है. मोरहाबादी में इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी सेंटर का भवन बनकर तैयार है. सेंटर में पांच वर्षीय एलएलबी की पढ़ाई शुरू होगी. भवन में फर्निशिंग को लेकर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग ने रांची विश्वविद्यालय को राशि उपलब्ध करा दी है.
बैंक एकाउंट से कट जा रहा पैसा, नहीं जमा हो रही फीस
रांची : रांची विश्वविद्यालय में स्नातक व पीजी में नामांकन के लिए ऑनलाइन फॉर्म जमा हो रहा है. ऑनलाइन फॉर्म जमा करने में विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. विद्यार्थियों के एकाउंट से शुल्क के लिए पैसा तो कट जा रहा है, पर जमा नहीं हो रहा है.
विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत गुरुवार को विवि के अधिकारियों से की.
मामले को को लेकर प्रतिकुलपति प्रोफेसर कामिनी कुमार ने विवि के पदाधिकारी, चांसलर पोर्टल व बैंक के प्रतिनिधि के साथ बैठक की. बैठक में बैंक के प्रतिनिधि ने समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों का शुल्क जमा नहीं हुआ है, उनका शुल्क जमा करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जायेगी. चांसलर पोर्टल के प्रतिनिधि ने भी आवेदन जमा करने में अा रही तकनीकी परेशानी को जल्द दूर करने का अाश्वासन दिया.
कॉलेज में ऑफलाइन भी जमा होगा फॉर्म
ऑनलाइन नामांकन फॉर्म जमा करने में हो रही परेशानी को देखते हुए विवि ने पीजी विभाग व कॉलेजों को ऑफलाइन भी आवेदन जमा लेने की अनुमति दी है. इसके लिए सभी पीजी विभाग को फॉर्म उपलब्ध करा दिया गया है. वैसे विद्यार्थी, जो ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं कर पा रहे हैं, वे कॉलेज से आवेदन लेकर ऑफलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं. अावेदन की जानकारी को बाद में चांसलर पोर्टल पर अपलोड कर दिया जायेगा.

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