रांची : कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस आॅफ इंडिया (सीबीसीआइ) के महासचिव बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने पत्थलगड़ी, कोचांग गैंग रेप और धर्मांतरण के आरोपों पर चर्च का पक्ष रखा़ रविवार को आर्चबिशप हाऊस में पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कैथोलिक चर्च, आदिवासियों की जमीन संबंधी अधिकारों के लिए लड़ रहा है, शायद इसलिए सरकार उसके पीछे पड़ी है़ उन्हाेंने कहा कि पत्थलगड़ी को लेकर चर्च पर कई इल्जाम लगाये जा रहे है़ं पर क्या चर्च ने इसके लिए कोई चिट्ठी जारी की है? ऐसी बातें किस आधार पर कही जा रही हैं? पत्थलगड़ी आदिवासियों की पुरानी परंपरा है़ सरकार व समाज को उनकी अच्छी परंपराओं का सम्मान करना चाहिए.
कोचांग दुष्कर्म प्रकरण में एक फादर की गिरफ्तारी के संदर्भ में उन्हाेंने कहा कि एक व्यक्ति पर नौ धाराएं लगायी गयी है़ं लगता है कुछ लोग उन्हें बाहर आने देना नहीं चाहते है़ं सीबीसीआइ ने अपनी ओर से उस मामले की जांच नहीं करायी है. पर चर्च के दो अधिवक्ता व दो सिस्टर सुपीरियर्स मामले को देख रहे है़ं.
अलग धर्मकोड दिया जाये : धर्मांतरण के संदर्भ में उन्हाेंने कहा कि यह दुख की बात है कि ऐसी बातों का राजनीतिकरण किया जा रहा है़ कैथोलिक चर्च यह मांग करता है कि सरना आदिवासियों को सरना धर्मकोड दिया जाये़ जब सरकार में चीजें ठीक से नहीं चल रही हैं, तब ऐसी बातें की जाती है़ं सालों तक जब दुर्गम इलाकों में कोई नहीं जाता था, तब मिशनरी उन इलाकों में गये और मलेरिया, टीबी जैसी बीमारियों का सामना करते हुए समाज सेवा का कार्य किया़ चर्च ने क्या गलत किया है?
सरकार में चीजें ठीक नहीं चल रही, तब ऐसी बातें हाेती हैं
पत्थलगड़ी के लिए चर्च ने काेई चिट्ठी जारी नहीं की
एक व्यक्ति पर नाै धाराएं, लगता है कुछ लाेग उन्हें बाहर आने नहीं देना चाहते
चर्च ने गलत क्या किया है?
सरना आदिवासियों को सरना धर्म कोड देने की मांग करता है कैथोलिक चर्च