Performance में झारखंड की बिजली वितरण कंपनियां फिसड्डी, गुजरात-उत्तराखंड टॉप पर

शिमला : प्रदर्शन के में झारखंड की बिजली वितरण कंपनियां वर्ष 2016-17 की प्रदर्शन रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुई हैं. वितरण कंपनियों की इस रैंकिंग में गुजरात और उत्तराखंड की बिजली वितरण कंपनियां टॉप पर हैं, जबकि इसमें झारखंड सबसे निम्न C- ग्रेड मिला है. हालांकि, रैंकिंग में सबसे निम्न सी ग्रेड पाने वाले राज्यों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2018 8:45 PM

शिमला : प्रदर्शन के में झारखंड की बिजली वितरण कंपनियां वर्ष 2016-17 की प्रदर्शन रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुई हैं. वितरण कंपनियों की इस रैंकिंग में गुजरात और उत्तराखंड की बिजली वितरण कंपनियां टॉप पर हैं, जबकि इसमें झारखंड सबसे निम्न C- ग्रेड मिला है. हालांकि, रैंकिंग में सबसे निम्न सी ग्रेड पाने वाले राज्यों में झारखंड के साथ त्रिपुरा, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और मेघालय की भी बिजली वितरण कंपनियां शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें : झारखंड : बिजली के नये टैरिफ पर मिलेगी राहत, बिजली वितरण निगम का सब्सिडी प्रस्ताव तैयार, जानें

वितरण कंपनियों की रैकिंग के लिए सकल तकनीकी तथा वाणिज्यिक नुकसान (एटीएंडसी), बिल दक्षता और वित्तीय मानदंडों के आधार पर 41 वितरण कंपनियों की सूची तैयार की गयी. बिजली मंत्री आरके सिंह ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में ‘राज्य बिजली वितरण कंपनियों की छठी सालाना एकीकृत रेटिंग’ रिपोर्ट मंगलवार को जारी की है.

रेटिंग एजेंसी इक्रा और केयर के साथ मिलकर पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की ओर से तैयार की गयी सूची में गुजरात की तीन बिजली वितरण कंपनियां क्रमश: उत्तर गुजरात विज कंपनी लिमिटेड, दक्षिण गुजरात विज कंपनी लिमिटेड तथा पश्चिम गुजरात विज लिमिटेड और उत्तराखंड की कंपनी उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सबसे ऊंचा A+ ग्रेड मिला है. बिजली वितरण कंपनियों को मिली यह रैंकिंग उच्च परिचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन क्षमता का संकेत देती है.

इसके साथ ही, रेटिंग के मामले में त्रिपुरा, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मेघालय तथा झारखंड की बिजली वितरण कंपनियों को सबसे निम्न C- ग्रेड मिला है. उत्तर प्रदेश की कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी को B ग्रेड मिला है. कंपनी का प्रदर्शन राज्य के अन्य बिजली वितरण कंपनियों के मुकाबले बेहतर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में शामिल 41 वितरण कंपनियों में से 19 ने 2016-17 के दौरान इससे पिछले साल के मुकाबले एटीएंडसी नुकसान में सुधार हासिल किया है.

Next Article

Exit mobile version