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आज झारखंड पहुंचेगी नीति आयोग की टीम

रांची : भारत सरकार के नीति आयोग की टीम बुधवार को राजधानी रांची आयेगी. टीम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, सदस्य रमेश चंद, महासचिव यदुवेंद्र माथुर व उपाध्यक्ष के एपीएस कैलाश मित्तल शामिल हैं. सभी को राजकीय अतिथि घोषित किया गया है. नीति आयोग की टीम प्रोजेक्ट भवन के सभागार में राज्य सरकार […]

रांची : भारत सरकार के नीति आयोग की टीम बुधवार को राजधानी रांची आयेगी. टीम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, सदस्य रमेश चंद, महासचिव यदुवेंद्र माथुर व उपाध्यक्ष के एपीएस कैलाश मित्तल शामिल हैं. सभी को राजकीय अतिथि घोषित किया गया है.
नीति आयोग की टीम प्रोजेक्ट भवन के सभागार में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक सरकार के सभी विभागों के सचिवों के साथ टीम के सदस्य बात करेंगे. इस दौरान ‘ट्रांसफॉरमेंशन ऑफ एसपिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स मिशन’ के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की जायेगी.
साथ ही भारत सरकार के साथ समन्वय बेहतर करने पर भी विचार किया जायेगा. बैठक में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान सामने आनेवाली कठिनाइयों के समाधान पर भी चर्चा की जायेगी. मंगलवार को मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने नीति आयोग के आगमन को लेकर तैयारियों पर बैठक की. सभी विभागीय सचिवों को बैठक के लिए होमवर्क पूरा करने के निर्देश दिये.
डेवलपमेंट इंडेक्स में पीछे, लेकिन विकास दर में सबसे आगे है झारखंड
नीति आयोग के डेवलपमेंट इंडेक्स (विकास का पैमाना) के आधार पर झारखंड राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है. लेकिन, आठ फीसदी से अधिक विकास दर के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन के मामले में झारखंड पूरे देश में अव्वल है.
2017 में झारखंड दौरे के दौरान आयोग ने राज्य काे विकास की गति तेज करते हुए राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने का सुझाव दिया था. उसके बाद फरवरी 2018 में नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में वार्षिक स्तर पर प्रगति के मामले में झारखंड देश में सबसे आगे रहा. बीते कुछ महीनों में नवजात मृत्यु दर, पांच से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर, संपूर्ण टीकाकरण और एचआइवी संक्रमित लोगों के इलाज जैसे संकेतकों के मामले में राज्य ने अच्छा सुधार किया है.
हालांकि, बावजूद इसके राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजलापूर्ति, बिजली आदि के मामले में राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है. राज्य में शिशु मृत्यु दर 39 फीसदी है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आवश्यकता के मुकाबले डॉक्टरों व मेडिकल कॉलेजों की कमी है. पेयजल के क्षेत्र में भी बढ़िया काम किया जा रहा है.
राज्य में पहले 12 प्रतिशत आबादी को ही पाइप लाइन के जरिये पेयजल दिया जाता था, जो आज बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है. इस मामले में राष्ट्रीय औसत पहले 52 प्रतिशत था, जो बढ़ कर 56 फीसदी हो गया है. यानी राष्ट्रीय स्तर पर चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है. लेकिन, झारखंड ने इस मामले में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है.
स्वच्छता के मामले राज्य स्वच्छता राज्यों की सूची में 31वें नंबर से 25 वें नंबर पर पहुंच गया है. राज्य की झारखंड की स्वच्छता 27 से बढ़ कर 56 प्रतिशत हो गयी है. आर्थिक क्षेत्र में स्भी राज्य काफी तेजी से प्रगति कर रहा है. कुल विकास दर आठ फीसदी से अधिक है. विकास दर में तेजी से वृद्धि होने की वजह से सरकार विकास के मानकों पर राष्ट्रीय औसत तक तेजी से पहुंच रही है.

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