रांची : जमीन की लूट के लिए भूमि अधिग्रहण कानून में किया गया संशोधन : कांग्रेस
राज्य गठन के बाद से अब तक की सबसे जबर्दस्त बंदी होगी रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण में संशोधन कर गरीब आदिवासियों की जमीन लूट वाला कानून बनाया है. सरकार इस संशोधन से मल्टीनेशनल कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को जमीन देना चाहती है. […]
राज्य गठन के बाद से अब तक की सबसे जबर्दस्त बंदी होगी
रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण में संशोधन कर गरीब आदिवासियों की जमीन लूट वाला कानून बनाया है. सरकार इस संशोधन से मल्टीनेशनल कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को जमीन देना चाहती है. श्री दुबे मंगलवार को कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के केंद्र में आते ही यूपीए सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल 2013 के कानून को बदलने की कोशिश शुरू की गयी. लेकिन, देशव्यापी विरोध के कारण मोदी सरकार की मंशा सफल नहीं हो पायी. इसके बाद बड़े काॅरपोरेट घरानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को छूट दे दी कि वे अपने राज्य में संशोधन कर लें, ताकि मल्टीनेशनल कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया जा सके.
श्री दुबे ने कहा कि इसके बाद रघुवर सरकार ने 12 अगस्त 2017 को विधानसभा में संशोधन को विधानसभा मेें ध्वनिमत से पारित करा लिया. विपक्ष की कुछ भी नहीं सुनी गयी. उन्होंने कहा कि यूपीए के कानून में किसी जमीन के अधिग्रहण में सामाजिक प्रभाव का आंकलन जरूरी था, परंतु रघुवर सरकार ने इसे हटा दिया. यूपीए के कानून में 70 प्रतिशत भू-मालिकों की सहमति आवश्यक थी.
इसे भी हटा दिया गया, ताकि जमीन लूट आसान हो सके. यही नहीं सरकार ने यह भी संशोधन किया है कि खेती योग्य जमीन का उपयोग गैर खेती काम के लिए किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस कानून के खिलाफ झारखंड गठन के बाद से अब तक की सबसे जबरदस्त बंदी होगी. कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध जतायेंगे. मौके पर प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शाहदेव, शमशेर आलम एवं संजय लाल पासवान मौजूद थे.
नेताओं ने की पदयात्रा और नुक्कड़ सभा
रांची : पांच जुलाई को भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के खिलाफ बुलाये गये बंद को लेकर विपक्ष संयुक्त अभियान चला रहा है. मंगलवार को विपक्ष के नेताओं ने राजधानी की सड़कों पर उतर कर जनसंपर्क अभियान चलाया.
पदयात्रा और नुक्कड़ सभा की. शहीद चौक से लाला लाजपत राय चौक (सुजाता चौक) तक पदयात्रा की. अभियान में झाविमो नेता राजीव रंजन मिश्रा, कांग्रेस नेता शमशेर आलम, संजय पांडेय, झामुमो नेता अंतु तिर्की, माले के भुनेश्वर केवट, सीपीआई के अजय सिंह, मासस के सुशांतो मुखर्जी सहित कई नेता शामिल हुए.
नुक्क्ड़ सभा को माले के भुनेश्वर केवट, सीपीआई के अजय सिंह, मासस के सुशांतो मुखर्जी, झाविमो नेता जितेंद्र वर्मा व सुचिता सिंह ने भी संबोधित किया. मौके पर राकेश सिन्हा, नजीबुल्लाह खान, नदीम इकबाल, पंकज पांडेय, गीता नायक, मो अकबर, विद्या सिंह, उमा शंकर तांती, पीयूष आनंद सहित कई लोग शामिल हुए़.
मौके पर झाविमो के श्री मिश्रा ने कहा कि यह केवल विपक्ष का बंद नहीं बल्कि झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों की बंदी है. सरकार लाठी-गोली के बल पर जनता की आवाज को नहीं दबा सकती.
सारे विपक्षी दल शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराने सड़क पर उतरेंगे. अगर सरकार ने हमारी आवाज को सख्ती से दबाने का प्रयास किया, तो उसका जवाब दिया जायेगा. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा कि पांच जुलाई की बंदी सरकार को आइना दिखा देगी. झामुमो नेता अंतु तिर्की ने कहा कि रघुवर सरकार भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन कर खुद अपना कब्र खोद रही है.
सरकार कैबिनेट से चलती है या मेरे कहने पर : सुखदेव
रांची : कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार कैबिनेट से चलती है. अब भाजपा कह रही है कि मेरे कहने पर सरकार काम कर रही है.
यह मेरे लिए गौरव की बात है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि मैंने कभी भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की बात नहीं कही थी. मैंने कहा था कि सीएनटी-एसपीटी में सरकार संशोधन में तुली है. कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण के लिए कानून बनाया है. इसको लागू करते हुए सरकार जमीन का अधिग्रहण करे. इस कानून के कई पहलू हैं, उसको लागू किया जाये, तो जमीन अधिग्रहण में कोई परेशानी नहीं होगी.