रांची: जैप और आइआरबी में प्रशासनिक व्यवस्था फेल होने की स्थिति में है, क्योंकि अफसरों की कमी है. आइआरबी के पांच में से चार और जैप के 10 में से चार बटालियन में कमांडेंट नहीं है. इन पदों पर न तो आइपीएस का पदस्थापन किया गया है और न ही एएसपी रैंक के अफसरों को प्रभारी कमांडेंट बना कर पदस्थापन किया गया है. दूसरी तरफ स्पेशल ब्रांच और सीआइडी में आइपीएस और एएसपी रैंक के अफसरों की संख्या ज्यादा हो गयी है.
पुलिस के सीनियर अफसर कहते हैं कि झारखंड में अफसरों के तबादले में भारी गड़बड़ी है. अफसरों की पोस्टिंग सरकारी काम करने के लिहाज से नहीं की जाती, बल्कि अफसरों की सुविधा को देख कर किया जाता है.
तबादले के लिए बनी नीति का पालन शायद ही कभी किया जाता है. सीआइडी में छह (एक एससीआरबी एसपी) आइपीएस एसपी रैंक में पदस्थापित हैं. यहां एएसपी के दो पदाधिकारियों का पदस्थापन है. चौंकाने वाली बात यह है कि सीआइडी में डीआइजी के पद पर किसी अधिकारी का पदस्थापन नहीं किया गया है. आइजी का भी एक पद रिक्त पड़ा हुआ है. स्पेशल ब्रांच की बात करें, तो यहां आइजी का पद प्रभार के भरोसे चल रहा है. डीआइजी का पद रिक्त है. लेकिन एसपी के रूप में चार आइपीएस का पदस्थापन किया गया है. वहीं एएसपी के रूप में दो पदाधिकारी पदस्थापित हैं. एसपी सीधे एडीजी को रिपोर्ट करते हैं.