नीति आयोग से झारखंड सरकार ने की मांग : केंद्र से बकाया 3423 करोड़ रुपये दिला दें
रांची : रांची में प्रोजेक्ट भवन के सभागार में नीति आयोग के साथ बैठक में राज्य सरकार ने केंद्रीय सहायता और अनुदान के रूप में केंद्र सरकार से बकाया 3423.03 करोड़ रुपये दिलाने की मांग की. कोयले की राॅयल्टी विक्रय मूल्य के आधार पर 20 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की. सरकार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम […]
रांची : रांची में प्रोजेक्ट भवन के सभागार में नीति आयोग के साथ बैठक में राज्य सरकार ने केंद्रीय सहायता और अनुदान के रूप में केंद्र सरकार से बकाया 3423.03 करोड़ रुपये दिलाने की मांग की. कोयले की राॅयल्टी विक्रय मूल्य के आधार पर 20 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की. सरकार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से आयोग को राज्य की स्थिति की जानकारी दी.
बैठक में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पारा टीचर के मद में केंद्र ने अपने हिस्से के 331.15 करोड़ नहीं दिये हैं. वित्तीय वर्ष 2017-18 का ही केंद्रांश नहीं मिलने से पारा टीचर को मानदेय देने में परेशानी हो रही है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2013-14 में किताब छपाई के 45.05 करोड़ रुपये भी केंद्र सरकार ने नहीं दिये हैं. राज्य सरकार ने पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों को अपग्रेड किया है.
इस मद में केंद्र से 26 से 150 करोड़ रुपये प्रति कॉलेज के लिए मिलना था. पर राशि भी नहीं मिली है. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्पेशल न्यूट्रिशन प्रोग्राम के पैसे भी नहीं दिये हैं. इस मद में 335.29 करोड़ रुपये मिलने थे.स्वर्ण रेखा बहुद्देशीय परियोजना के 757.96 करोड़ रुपये भी केंद्र से नहीं मिले हैं. इसके अतिरिक्त इस मद में किये गये बजटीय प्रावधान की 60 प्रतिशत राशि भी केंद्र से नहीं मिली है, जो 667.70 करोड़ रुपये हैं.
मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने की मांग
बैठक में राज्य सरकार ने मनरेगा की चर्चा करते हुए कहा कि यहां मजदूरी देश में सबसे कम है. इसे बढ़ाया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त लक्ष्य के 77.49 करोड़ रुपये भी नहीं मिले हैं.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 15 जून 2018 को 598.87 करोड़ रुपये की मंजूरी का आदेश जारी किया है. हालांकि यह राशि भी अभी राज्य सरकार के खाते में नहीं आयी है.
इसलिए आयोग इस मामले में पहले करे और राज्य को बकाया पैसे दिलाये. बैठक में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कोयले की राॅयल्टी में विक्रय मूल्य के अनुरूप 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी चाहिए. कोयले के आलावा दूसरे मेजर मिनरल की राॅयल्टी में 25-30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की.
कोयले की राॅयल्टी विक्रय मूल्य के आधार पर 20 प्रतिशत बढ़ाने की अपील
किस मद के केंद्र के पास
कितना बकाया (करोड़ में)
मद राशि
पारा टीचर 331.15
किताब छपाई 45.05
स्पेशल न्यूट्रिशन प्रोग्राम 335.29
स्वर्ण रेखा परियाेजना 757.96
स्वर्ण रेखा परियोजना बजट का 60 % 667.70
रांची : झारखंड की टेक्सटाइल पॉलिसी दूसरे राज्यों में भी लागू होगी : डॉ राजीव
उपाध्यक्ष ने की सरकार के विकास कार्यों की प्रशंसा
रांची : नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने झारखंड में हो रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि झारखंड की टेक्सटाइल पॉलिसी काफी अच्छी है. इसे दूसरे राज्यों में भी लागू करने को लेकर सुझाव दिया जायेगा. इसको लेकर दिल्ली में बैठक बुलायी जायेगी.
झारखंड की टेक्सटाइल पॉलिसी से रोजगार के सृजन होंगे. खास कर महिलाओं को रोजगार मिलेगा और वे स्वावलंबी बनेंगी. डॉ कुमार ने सरकार की ओर से पेयजल के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का उपयोग किये जाने की भी सराहना की. कहा कि इस फंड का उपयोग पेयजल के लिए किया जाना सराहनीय है.
सरकार ने छह आकांक्षी जिलों में पेयजल की सुविधा को लेकर 50-50 करोड़ रुपये दिया है. इसका भी अनुसरण दूसरे राज्यों को करना चाहिए. डॉ कुमार बुधवार को नीति आयोग की बैठक के बाद प्रोजेक्ट भवन सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, नीति आयोग के सदस्य व विभागीय सचिव मौजूद थे.
कोडरमा में खुलेगा मेडिकल कॉलेज
डॉ कुमार ने कहा कि कोडरमा में मेडिकल कॉलेज खोलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. श्रम मंत्रालय ने बुधवार को ही इएसआइ अस्पताल की जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए देने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. मुख्यमंत्री की ओर से इसको लेकर काफी प्रयास किया जा रहा था.
सारंडा में खनन को लेकर होगी उच्चस्तरीय बैठक
डॉ राजीव ने कहा कि झारखंड में 30 प्रतिशत वन भूमि है. विकास कार्यों में वन भूमि व जंगल-झाड़ की जमीन को लेकर परेशानी आती है.
सरकार ने नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत वर्ष 2030 तक 300 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है. सांरडा में लौह अयस्क का माइंस है. देश का 30 प्रतिशत अयस्क झारखंड में है. अगर इस लक्ष्य को हासिल करना है, तो लौह अयस्क के खनन पर विचार करना होगा. इसको लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलायी जायेगी ताकि खनन का कार्य न रूके और पर्यावरण का संतुलन भी बरकरार रहे.
सड़क व सिंचाई क्षेत्र में सरकार ने मांगा स्पेशल ग्रांट
डॉ कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से सड़क और सिंचाई क्षेत्र को लेकर स्पेशल ग्रांट (विशेष अनुदान) मांगा गया है. सरकार की ओर से नेशनल हाइवे की 541 किलोमीटर सड़क की फोर लेनिंग के लिए अनुदान मांगा गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में अधिकांश जमीन पर साल में एक ही फसल होती है. सिर्फ 29 प्रतिशत जमीन पर ही दो फसल हो पाती है. इसके लिए सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है. छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में अच्छा काम किया है.
कैनाल की मरम्मत कर उसे फिर से शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री भी किसानों की आय को दोगुनी करने को लेकर प्रयास कर रहे हैं. अगर किसानों की आय को दोगुनी करनी है तो सिंचाई सुविधा के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कृषि उत्पाद का लागत नहीं बढ़े.
झारखंड को निर्यात विभाग बनाना चाहिए
डॉ कुमार ने कहा कि टेक्सटाइल के साथ-साथ हैंडीक्राफ्ट का काफी उत्पादन हो रहा है. सरकार को इसके लिए निर्यात विभाग बनाना चाहिए, ताकि यहां के उत्पाद का निर्यात दूसरे देशों में हो पाये. उन्होंने कहा कि नीति आयोग डेवलपमेंट पार्टनर के रूप में काम कर रहा है. पहले योजना आयोग के पास मुख्यमंत्री को जाना पड़ता था. अब नीति आयोग खुद राज्यों में जाकर सरकार से सुझाव ले रही है. उन्होंने बताया कि इससे पहले वे 1980 में रांची आये थे. अब रांची में काफी बदलाव हो गया है.