मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने कुंवारी मां के बच्चे को 1.20 लाख रुपये में बेचा, ऐसे हुआ खुलासा
रांची : मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात की बिक्री का आरोप लगा है. इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम की कर्मचारी अनिमा को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दो और सिस्टर को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि चैरिटी होम की महिला संचालक के साथ मिलकर […]
रांची : मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात की बिक्री का आरोप लगा है. इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम की कर्मचारी अनिमा को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दो और सिस्टर को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि चैरिटी होम की महिला संचालक के साथ मिलकर अनिमा आधा दर्जन नवजात को बेच चुकी है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि एक बच्चा के एवज में 1.20 लाख रुपये तक लिये गये.
बाल कल्याण समिति ने नवजात बच्चे को इस समिति से बरामद कर लिया है. फिलहाल इन बच्चों को एक अन्य संस्था में रखा गया है. थाना इंचार्ज एसएन मंडल ने बताया कि कुछ और बच्चों के भी अवैध तरीके से बेचे जाने की बात सामने आयी है. उन बच्चों की मां के नाम पुलिस को मिले हैं. इसकी जांच की जा रही है.
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राजधानी रांची के इस्ट जेल रोड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम में अवैध रूप से नवजातों की बिक्री का खुलासा CWC की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बुधवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय में किया. उन्होंने बताया कि होम की कर्मचारी अनिमा इंदवार को कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. उसने खुद स्वीकार किया कि अब तक आधा दर्जन नवजात को चैरिटी होम की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया के साथ मिलकर बेच चुकी है.
अनिमा ने कहा है कि बच्चा देने के एवज में 50 हजार से 1. 20 लाख रुपये तक लिये गये हैं. अध्यक्ष के मुताबिक, फिलहाल आधा दर्जन बच्चों के बेचे जाने का मामला सामने आया है. चैरिटी होम की संचालिका से पूछताछ के दौरान और भी नये खुलासे होंगे.
ऐसे हुआ नवजात को बेचे जाने का खुलासा
CWC की अध्यक्ष ने बताया कि अविवाहित लड़की पीड़ित राशि (बदला हुआ नाम) मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम में प्रेग्नेंसी के दौरान रह रही थी. उसने एक मई को सदर अस्पताल रांची में एक लड़के को जन्म दिया. नवजात को अनिमा इंदवार ने संचालिका सिस्टर कोनसीलिया की मिलीभगत से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा में रहनेवाले दंपती सौरभ अग्रवाल व प्रीति अग्रवाल को अस्पताल खर्च के नाम पर महज 1.20 लाख रुपये मेंबेच दिया.तब वह मासूम चार दिन का ही था. तीन जुलाई को दंपती को बुलाकर अनिमा ने बच्चा यह कहकर ले लिया कि इसे कोर्ट में पेश करना है.
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इसके बाद वह बच्चा लेकर गायब हो गयी. दंपती जेल रोड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी और डोरंडा स्थित दूसरे शाखा में जा कर बच्चा मांगा, लेकिन उन्हें बच्चे से मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद ही उसने इसकी शिकायत सीडब्ल्यूसी से की. दंपती ने बताया कि उसकी बुआ लालपुर चौक इलाके में रहती है. अनिमा के बारे में जानकारी मिली थी. बच्चा लेने से पहले कागजी कार्रवाई भी करायी गयी थी.
सेंटर में हुई छापामारी, पुलिस ने 1.48 लाख रुपये बरामद किये
ईस्ट जेल रोड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टर कोंसिलिया और महिला स्टाफ अनिमा इंदवार द्वारा बच्चा बेचे जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद कोतवाली पुलिस सक्रिय हो गयी है. पुलिस ने आरोपी सिस्टर और महिला स्टाफ के खिलाफ एपआइआर दर्ज करलिया. इसके बाद बुधवार शाम चैरिटी के सेंटर में छापेमारी की गयी. इस दौरान पुलिस ने यहां से 1़ 48 लाख रुपये जब्त भी किये हैं.
मिशनरीज की प्रमुख व स्टाफ से पूछताछ
काेतवाली थाना प्रभारी श्यामा नंद मंडल ने बताया कि इस पूरे मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की हेड सिस्टर मारी डीआइ, सिस्टर कोंसिलिया और महिला स्टाफ से पूछताछ की गयी है. सिस्टर कोंसिलिया ने स्वीकार किया है कि बच्चा बेचने में वह शामिल थी. बच्चा बेचने के बाद अनिमा को 1.20 लाख मिले थे, जिसमें से उसने सिस्टर को 90 हजार रुपये दिये थे. अनिमा इंदवार ने भी पुलिस के समक्ष सिस्टर को पैसे देने की बात स्वीकार की है. उसने यह भी बताया कि इससे पहले जो बच्चा बेचा गया था, उससे 1.20 लाख रुपये मिले थे. कोतवाली इंस्पेक्टर का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है. जरूरत पड़ी तो सेंटर की इंचार्ज पर भी मामला दर्ज किया जायेगा.
अविवाहित गर्भवती युवतियों को आश्रय देकर होता है बच्चा बेचने का खेल
CWC की अध्यक्ष रूपा कुमार ने बताया है कि मानव तस्करी से मुक्त करायी गयी या पायी गयी वैसी नाबालिग युवतियां, जो अविवाहित रहते गर्भवती हो जाती हैं, उन्हें ‘निर्मल हृदय’ मिशनरीज ऑफ चैरिटी में आश्रय दिया जाता है. इसकी पूरी जानकारी बाल कल्याण समिति को होती है. रूपा ने बताया कि किसी भी चैरिटी होम में अगर किसी गर्भवती महिला को रखा जाता है, तो उसकी जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को देना होता है. लेकिन, जब राशि (बदला हुआ नाम) को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो इसकी सूचना कमेटी को नहीं दी गयी. न ही बच्चे की जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि कमेटी को बगैर सूचना दिये बच्चा को बेचा गया.
किशोर न्याय अधिनियम की उड़ायी धज्जियां
चैरिटी संस्था में कार्यरत महिलाकर्मियों ने किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी होने के बावजूद इस कृत्य को अंजाम दिया है. CWC ने आशंका जतायी है कि इस काम में बड़ा गिरोह शामिल हो सकता है. इसलिए पुलिस से बाल कल्याण समिति ने इस मामले की गहराई से जांच करने का अनुरोध किया है.
11 गर्भवतियों को नामकुम नारी निकेतन किया गया शिफ्ट
मिशनरीज ऑफ चैरिटी से 11 गर्भवती बच्चियाें को बुधवार शाम बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी ) की अध्यक्ष रूपा कुमारी, सदस्य प्रतिमा तिवारी व व तनुश्री सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से नामकुम नारी निकेतन शिफ्ट कराया. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बताया कि सारी बच्चियां गर्भवती हैं. उन्होंने कहा कि उनके बच्चों को बेचने की जानकारी मिलने पर वे लोग बुधवार की शाम मिशनरीज ऑफ चैरिटी पहुंचीं और लालपुर, लोअर बाजार थाना व महिला पुलिस के सहयोग से सभी को वहां से लेकर नारी निकेतन भेजा गया. उन्होंने बताया कि उनमें दो बच्चियों को एक दिन पूर्व प्रसव कराने के लिए संस्था द्वारा सदर अस्पताल भेजा गया था. वहां एक का प्रसव भी हुआ, लेकिन मृत बच्चा पैदा हुआ. इधर, सदस्य तनुश्री सरकार ने बताया कि बच्चा बेचने वाला एक रैकेट काम कर रहा है. सीडब्ल्यूसी उसकी जांच कर पुलिस के सहयोग से पूरे रैकेट को पकड़ेगा. इसमें सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष सहित सभी सदस्य लगेंगे. कहा जा रहा है कि बच्चियां किसी घटना की वजह से पूर्व से ही गर्भवती थीं. बाद में उन्हें संस्था में रखा गया था.