World Bank-DIPP Ranking: कारोबार सुगमता में आंध्र शीर्ष व झारखंड चौथे नंबर पर
नयी दिल्ली/रांची : देश में कारोबार करने में सुगमता के लिहाज से आंध्रप्रदेश शीर्ष पर रहा है. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) और विश्व बैंक द्वारा कारोबार सुगमता को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच की गयी रैंकिंग में आंध्र प्रदेश अव्वल रहा है. डीआईपीपी के इस संबंध में जारी बयान […]
नयी दिल्ली/रांची : देश में कारोबार करने में सुगमता के लिहाज से आंध्रप्रदेश शीर्ष पर रहा है. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) और विश्व बैंक द्वारा कारोबार सुगमता को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच की गयी रैंकिंग में आंध्र प्रदेश अव्वल रहा है.
डीआईपीपी के इस संबंध में जारी बयान के मुताबिक तेलंगाना और हरियाणा इस मामले में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष दस में झारखंड चौथे स्थान पर, गुजरात पांचवें पर, छत्तीसगढ़ छठे, मध्य प्रदेश सातवें, कर्नाटक आठवें, राजस्थान नौवें पर और पश्चिम बंगाल दसवें स्थान पर रहा. सूची में मेघालय आखिरी 36 वें स्थान पर रहा.
डीआईपीपी विश्वबैंक के साथ मिलकर देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता के आधार पर रैंकिंग करता है. डीआईपीपी कारोबारी क्षेत्र में और सुधार लाने के लिए कारोबार सुधार कार्ययोजना (ब्रैप) के तहत यह करता है. बयान के अनुसार, ‘ब्रैप 2017 में सुझाये गये कई सुझावों पर बड़ी संख्या में राज्यों ने महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है.’ ब्रैप 2017 के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संयुक्त अंक प्रदान किये गये. इन संयुक्त अंकों का आधार दो तरह के अंक ‘सुधार साक्ष्य अंक’ और ‘प्रतिपुष्टि अंक’ हैं. सुधार साक्ष्य अंक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों पर आधारित हैं, जबकि प्रतिपुष्टि अंक कारोबारियों को दी जानेवाली सेवाओं के वास्तविक उपयोक्ताओं से जुटायी गयी प्रतिक्रिया के आधार पर तय किये गये हैं.
डीआईपीपी के अनुसार 17 राज्यों का सुधार साक्ष्य अंक ब्योरा 90% से अधिक रहा है, जबकि संयुक्त अंक में 15 राज्यों को 90% से अधिक अंक मिले हैं. जिन राज्यों का सुधार साक्ष्य अंक 80% से अधिक रहा है वह देश के 84% भू-भाग, 90% आबादी और देश के सकल घरेलू उत्पाद के 79% का प्रतिनिधित्व करते हैं. ब्रैप 2017 के तहत कुल 7,758 सुधारों को लागू किया गया जिनकी संख्या 2015 में 2,532 थी.