रांची : झारखंड में विपक्षी दल सरकार के खिलाफ अपनी एकजुटता दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. विधानसभा के मॉनसून सत्र से पहले रघुवर दास सरकार के खिलाफ एक बार फिर आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो रही है. मुद्दा, वही, भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017. इस बिल के विरोध में 19 जून से राज्य भर में सरकार के पुतला दहन का कार्यक्रम शुरू हुआ था. 5 जुलाईकेझारखंड बंद के बाद 16 जुलाई को राजभवन के सामने महाधरना दिया जायेगा.
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कांग्रेस नेता राजीव रंजन प्रसाद ने सोशल मीडिया में एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 5 जुलाई की ‘महाबंदी’ के बाद सभी विपक्षी दल एक बार फिर साझा आंदोलन करेंगे. इसमें कहा गया है कि सरकार को विपक्ष की ताकत दिखाने के लिए साझा आंदोलन की रूपरेखा तैयारहुई.
आंदोलन की शुरुआत 19 जून से राज्य भर में सरकार के पुतला दहन से हुई. 21 जून को राज्य के हर ब्लॉक में धरना दिया गया. 25 जून को जिला स्तर पर धरना देकर सरकारकेइस जनविरोधी फैसले का विरोध किया गया. इसमें सभी विपक्षीदलों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों के लोगभी मौजूद थे.
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राजीव रंजन ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के आह्वान पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर इन आंदोलनों में हिस्सा लिया. कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को लेकर गांव से लेकर शहर तक ग्रामीण, किसान, नौजवान, मूलवासी और आदिवासी सबके मन में आक्रोश है.
जनता के इस आक्रोश के बारे में सरकार और राज्य की मुखिया राज्यपाल को अवगत कराने के लिए 16 जुलाई को राजभवन के सामने महाधरना दिया जायेगा. इसमें पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से शामिल होने की अपील की गयी है. हालांकि, विज्ञप्ति में यह स्पष्ट नहीं है कि महाधरना सिर्फ कांग्रेस का है या पूरे विपक्ष का.