17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आय-व्यय की जांच में IT विभाग की मदद लेगी पुलिस, देखें किस एजेंसी को कब कितना मिला फंड

पुलिस मुख्यालय ने दिया निर्देश, संस्था द्वारा मनी लौंड्रिंग की भी जतायी आशंका रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी की चौतरफा घेराबंदी की जांच रही है. अब इस संस्था के आय-व्यय की जांच के लिए रांची पुलिस आयकर विभाग की मदद लेगी. पुलिस मुख्यालय की ओर से रांची पुलिस को यह निर्देश दिया गया है. दूसरी […]

पुलिस मुख्यालय ने दिया निर्देश, संस्था द्वारा मनी लौंड्रिंग की भी जतायी आशंका
रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी की चौतरफा घेराबंदी की जांच रही है. अब इस संस्था के आय-व्यय की जांच के लिए रांची पुलिस आयकर विभाग की मदद लेगी. पुलिस मुख्यालय की ओर से रांची पुलिस को यह निर्देश दिया गया है.
दूसरी ओर, मिशनरीज ऑफ चैरिटी सहित 12 संस्थानों के फंड की केंद्रीय एजेंसी से सूक्ष्म जांच कराने व जांच पूरी होने तक उनके बैंक खातों को फ्रीज किये जाने का अनुरोध डीजीपी डीके पांडेय ने गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे से किया है.मिशनरीज ऑफ चैरिटी की जांच कराने का प्रस्ताव डीजीपी को विशेष शाखा की ओर से दिया गया था.
इस संबंध में बुधवार शाम तक डीजीपी द्वारा लिखा गया पत्र गृह सचिव को नहीं मिला था. इधर, डीजीपी ने अपने पत्र में कहा है कि रांची के एएचटीयू, कोतवाली थाने में दर्ज कांड संख्या 04/18 के अनुसंधान व अन्य स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं से ऐसे प्रमाण व साक्ष्य सामने आ रहे है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी को मिली राशि का उपयोग इसके मूल उद्देश्य में न होकर अन्य कार्यों में किया जा रहा है. संस्था को प्राप्त एफसीआरए सर्टिफिकेट को निलंबित करने का प्रावधान द फॉरन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट 2010 की धारा-14 में है.
ऐसी स्थिति में मिशन ऑफ चैरिटी व अन्य संस्थानों की जांच भारत सरकार के निर्देश पर ही की जा सकती है. अब इस मामले में सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाना बाकी है. डीजीपी के पत्र में मिशनरीज अॉफ चैरिटी से जुड़े संस्थाओं को 2006 से 2017 तक दफॉरेन कंट्रीव्यूशन रेगुलेशन एक्ट(एफसीआरए) के तहत विदेशों से 11 वर्षों में करीब 927.27 करोड़ रुपये प्राप्त होने की बात कही गयी है.
कोलकाता में है मुख्य कार्यालय
मिशनरीज ऑफ चैरिटी का मुख्य कार्यालय कोलकाता में है. इसकी मुख्य पदाधिकारी सिस्टर प्रेमा, मदर जनरल ऑफ मिशनरीज ऑफ चैरिटी है. रांची स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी का संचालन कोलकाता से किया जाता है. इस संस्था द्वारा कांके रोड में प्रेम संस शो रूम के समीप एक बड़ा रिहायशी भूखंड खरीदा गया है. इसमें मिशनरीज ऑफ चैरिटी ब्रदर्स का मुख्य कार्यालय व होम है.
अब तक की जांच में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एक भी बैंक खाते की न तो जांच की गयी है और न ही उसकी जानकारी ही दी गयी है. कांके रोड में रिहायशी भूखंड खरीदना कहीं न कहीं एफसीआरए एक्ट, सोसायटी ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 या ट्रस्ट एक्ट 1882 का उल्लंघन है. इसलिए मिशनरीज आॅफ चैरिटी के आय व्यय की जांच आयकर विभाग से करायी जा सकती है. यह भी जांच का विषय है कि कहीं मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा मनी लौंड्रिंग के तहत फंड का उपयोग तो नहीं किया जा रहा है.
सीबीआइ ही कर सकती है जांच
डीजीपी ने अपने पत्र में यह हवाला दिया है कि राज्य की अपराध शाखा इस तरह के मामलों की जांच करने में सक्षम है. लेकिन, उसका अधिकार क्षेत्र सिर्फ एक करोड़ रुपये से कम के मामलों में है. अगर राशि एक करोड़ से ज्यादा की है, तो जांच कराने की सक्षम एजेंसी सीबीआइ है.
पुलिस को सौंपी गयी जब्त सामान की सूची
रांची : प्रशासन द्वारा जांच के दौरान मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जब्त सामान की सीजर लिस्ट बनायी गयी थी. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कंचन सिंह ने कोतवाली थाना को जब्ती सूची सौंप दी है. जब्त किये गये सामान में एक रजिस्टर और एक सीडी है. यह वही सीडी है, जो बच्चा खरीदते वक्त उत्तर प्रदेश के दंपती ने बनायी थी.
इधर, मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जब्त किये गये रजिस्टर की जांच जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है. रजिस्टर में दर्ज आंकड़े व सीडब्ल्यूसी के रिकॉर्ड से इसका मिलान किये जाने पर और भी गड़बड़ियां सामने आने की आशंका जतायी जा रही है.
किस एजेंसी को कब कितना मिला फंड
मिशनरीज ऑफ चैरिटी
2006- 07 "45.37 करोड़
2007- 08 54.70 करोड़
2008- 09 42.50 करोड़
2009- 10 53.35 करोड़
2010- 11 62.29 करोड़
2011- 12 62.77 करोड़
2012- 13 71.05 करोड़
2013- 14 96.35 करोड़
2014- 15 90.91 करोड़
2015- 16 94.01 करोड़
2016- 17 77.77 करोड़
कुल 751.12 करोड़
मिशनरीज ऑफ चैरिटी ब्रदर्स
2006- 07 9.15 करोड़ करोड़
2007- 08 10.08 करोड़
2008- 09 15.29 करोड़
2009- 10 8.25 करोड़
2010- 11 9.11 करोड़
2011- 12 9.94 करोड़
2012- 13 13.69 करोड़
2013- 14 —–
2014- 15 14.63 करोड़
2015- 16 18.81 करोड़
2016- 17 19.80 करोड़
कुल 128.99 करोड़
मिशनरी ऑफ द वर्ड
2006- 07 1.25 करोड़
2007- 08 1.68 करोड़
2008- 09 1.88 करोड़
2009- 10 2.53 करोड़
2010- 11 2.97 करोड़
2011- 12 3.14 करोड़
2012- 13 3.23 करोड़
2013- 14 4.21 करोड़
2014- 15 4.25 करोड़
2015- 16 4.54 करोड़
2016- 17 4.81 करोड़
कुल 34.53 करोड़
मिशनरीज ऑफ कोलकाता
2006- 07 17.21 लाख
2007- 08 4.34 करोड़
2008- 09 42.50 करोड़
2009- 10 4.39 करोड़
2010- 11 74 करोड़
2011- 12 74 करोड़
कुल 10.39 करोड़
मिशनरीज ऑफ चैरिटी फादर्स इंडिया
2011- 12 5.28 लाख
2012- 13 2.16 लाख
2013- 14 36.39 लाख
2014- 15 38.68 लाख
2015- 16 28.86 लाख
2016- 17 16.51 लाख
कुल 1.94 करोड़
मिशनरीज सिस्टर्स ऑफ मैरी हेल्प ऑफ क्रिश्चियन मैरी इमैक्युलेट प्रोविंस सोशल वेलफेयर सोसाइटी को वित्तीय वर्ष 2016- 17 में मिला 27.71 लाख रुपये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें