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रांची : प्लस टू स्कूलों में नहीं होगी जनजातीय भाषा की पढ़ाई

रांची : राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालयों में विद्यार्थी अब उसी विषय में नामांकन ले सकेंगे, जिसके शिक्षक वहां रहेंगे. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. राज्य में इंटरमीडिएट स्तर पर दो दर्जन विषयों की पढ़ाई होती है, पर सरकार के प्लस टू उच्च विद्यालयों में 11 […]

रांची : राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालयों में विद्यार्थी अब उसी विषय में नामांकन ले सकेंगे, जिसके शिक्षक वहां रहेंगे. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. राज्य में इंटरमीडिएट स्तर पर दो दर्जन विषयों की पढ़ाई होती है, पर सरकार के प्लस टू उच्च विद्यालयों में 11 विषय के शिक्षकों के ही पद स्वीकृत हैं.
प्लस टू उच्च विद्यालयों में विद्यार्थी अब हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, रसायन शास्त्र, भौतिकी, जीव विज्ञान, गणित एवं वाणिज्य विषय की पढ़ाई कर सकेंगे. इसके अलावा अगर किसी अन्य विषय में विद्यार्थी का नामांकन लिया गया है, तो इसके लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक जिम्मेदार होंगे.
विद्यालय में इन्हीं 11 विषय के शिक्षकों का पद सृजित है. झारखंड छात्र संघ ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है. संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा है कि सरकार पद सृजन की जगह पढ़ाई ही बंद कर रही है. कला संकाय में अधिकतर विद्यार्थी राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र जैसे विषय रखते हैं, पर अब इन विषयों की पढ़ाई प्लस टू विद्यालयों में नहीं होगी.
इससे विद्यालयों में नामांकन प्रभावित होगा. उन्होंने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग से मांग की है प्लस टू विद्यालयों में पूर्व की भांति सभी विषयों की पढ़ाई होने दी जाये और इसमें शिक्षकों का पद सृजित किया जाये. उन्होंने कहा है कि अगर विद्यालयों में पूर्व की भांति सभी विषयों की पढ़ाई नहीं की गयी, तो संघ आंदोलन करेगा.

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