झारखंड को मिली 25 इकाइयां नहीं हुआ संपत्ति का अधिग्रहण
रांची : हाइटेंशन इंस्यूलेटर फैक्ट्री, इइएफ समेत बीएसआइडीसी के अधीन सभी 25 इकाइयां झारखंड सरकार को दे दी गयी है.इससे संबंधित संकल्प बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है. इसके बावजूद अब तक झारखंड सरकार ने संपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया है. इसके दायित्वों को लेकर पेच फंस गया है. बिहार […]
रांची : हाइटेंशन इंस्यूलेटर फैक्ट्री, इइएफ समेत बीएसआइडीसी के अधीन सभी 25 इकाइयां झारखंड सरकार को दे दी गयी है.इससे संबंधित संकल्प बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है. इसके बावजूद अब तक झारखंड सरकार ने संपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया है.
इसके दायित्वों को लेकर पेच फंस गया है. बिहार सरकार को तीन बार पत्र उद्योग विभाग की ओर से भेजा गया है कि दायित्वों की जानकारी दी जाये. पर अब तक बिहार सरकार द्वारा दायित्वों की जानकारी नहीं दी गयी है, जिसके चलते उद्योग विभाग संपत्तियों के अधिग्रहण नहीं कर पा रहा है.
गौरतलब है कि बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम (बीएसआइडीसी) की संपत्तियों को लेकर बिहार सरकार द्वारा 26 मई को जारी संकल्प में कहा गया है कि बीएसअाइडीसी की जो परिसंपत्ति झारखंड में है, वह झारखंड सरकार या उनके द्वारा अधिकृत एजेंसी को तथा जो बिहार में है वह बिहार सरकार या उनके द्वारा अधिकृत एजेंसी को हस्तांतरित की जाये. झारखंड राज्य स्थित इकाइयों में किये गये निवेश का दायित्व झारखंड सरकार को सौंप दिया जाये. इसी प्रकार बिहार राज्य स्थित इकाइयों में की गयी निवेश का दायित्व बिहार को सौंप दिया जाये.
दायित्वों के बाबत संकल्प में लिखा गया है कि दायित्वों का बंटवारा दोनों राज्यों में सभी प्रकार के एसेट के वैल्यूएशन के अनुपात में किया जाये. दोनों राज्यों की एसेट एवं लाइबिलिटिज की पुन: जांच संयुक्त रूप से दोनों राज्यों के सक्षम पदाधिकारियों द्वारा की जाये. इसके लिए दोनों राज्यों द्वारा अपने-अपने सक्षम पदाधिकारी नामित किये जायेंगे. बिहार सरकार के संकल्प के अनुसार बंटवारे का कटअॉफ डेट 31.3.2018 होगा. यानी 1.4.2018 से सभी एसेट एवं लाइबिलिटिज संबंधित राज्यों की रहेगी. 31.3.2018 के प्रभाव से संबंधित एसेट की सुरक्षा की जवाबदेही संबंधित राज्य सरकार की होगी. यह भी कहा गया है कि झारखंड हाइकोर्ट में संबंधित तथ्यों को रखते हुए कोर्ट की अनुमति प्राप्त कर ली जाये.
झारखंड सरकार ने एतराज जताया : उद्योग विभाग ने इस मामले को लेकर एतराज जताया है. विभाग का कहना है कि एसेट जो झारखंड में है वह झारखंड को मिलेगा यहां तक तो ठीक है. पर दायित्व कितना है यह स्पष्ट नहीं है. यही वजह है कि बिहार सरकार के समक्ष एतराज जताया गया है कि पहले दायित्व का निर्धारण कर दिया जाये. मामला कोर्ट में भी है. दायित्व के बिना अभी एसेट को हैंडओवर कैसे लिया जा सकता है.
इन इकाइयों की देनदारियों का नहीं हो सका है फैसला
हाइटेंशन इंस्यूलेटर फैक्ट्री नामकुम
इइएफ, टाटीसिलवे रांची
मैलाबल कॉस्ट आयरन फैक्ट्री नामकुम रांची
स्वर्णरेखा वाच फैक्ट्री नामकुम, रांची
बिहार सुपरफॉस्फेट फैक्ट्री, सिंदरी
एनपीके ग्रेन्यूलेशन प्लांट सिंदरी
नालांदा सेरामिक्स गेतलसूद रांची
प्रभात फैब्रिकेशन लिमिटेड जमशेदपुर
एक्सले टेक्नोलॉजी लिमिटेड, रांची
रंजन केमिकल लिमिटेड
भगवती अॉक्सीजन लिमिटेड घाटशिला
बिहार फाउंड्री एंड कॉस्टिंग लिमिटेड, रांची
बिहार कॉस्टिक एंड केमिकल लिमिटेड गढ़वा रोड
मगध स्पन पाइप लिमिटेड, हीरोडीह कोडरमा
बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड, चांडिल सरायकेला
बिहार एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, जमशेदपुर
मिहिजाम वनस्पति लिमिटेड, चितरंजन, जामताड़ा
बिहार गैसेस लिमिटेड, जसीडीह
राजहंस स्टील लिमिटेड, धनबाद
कुमारधुबी मेटल कॉस्टिंग एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड, धनबाद
बिहार ट्रांसमिशन लिमिटेड, जसीडीह, देवघर
प्रोग्रेसिव सीमेंट लिमिटेड, जसीडीह, देवघर
मयूरलाइम प्रोडक्ट्स लिमिटेड, पतरातू, रामगढ़
बिहार सॉल्वेंट एंड केमिकल लिमिटेड, लातेहार
इंडियन कलर शीट लिमिटेड, रांची