शहर की सड़कों को स्मार्ट बनाने की योजना पर काम बंद

रांची : राजधानी में स्मार्ट सड़क बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्मार्ट सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण की योजना को स्थगित करने का आदेश दिया है. साथ ही सड़कों की मौजूदा चौड़ाई में ही उसे स्मार्ट बनाने की योजना तैयार करने को कहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2018 2:26 AM
रांची : राजधानी में स्मार्ट सड़क बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जायेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्मार्ट सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण की योजना को स्थगित करने का आदेश दिया है. साथ ही सड़कों की मौजूदा चौड़ाई में ही उसे स्मार्ट बनाने की योजना तैयार करने को कहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शहर की पांच मुख्य सड़कों को स्मार्ट बनाने की योजना पर काम बंद कर दिया गया है. मालूम हो कि पूर्व में मुख्यमंत्री ने सड़कों को स्मार्ट बनाने की योजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता बतायी थी.
  • सीएम ने स्मार्ट सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण की योजना को स्थगित करने का दिया आदेश
  • राजधानी की सड़कों को स्मार्ट बनाने के लिए नहीं किया जायेगा जमीन का अधिग्रहण
  • सड़कों की मौजूदा चौड़ाई में ही उसे स्मार्ट बनाने की योजना तैयार करने का निर्देश
  • पहले ही बंद हो गया राजभवन से बिरसा चौक तक की सड़क को स्मार्ट बनाने का काम
राजधानी की पांच स्मार्ट सड़क योजनाओं में से एक राजभवन से बिरसा चौक तक को स्मार्ट बनाने का काम पहले ही बंद कर दिया गया है. नयी विधानसभा, हाइकोर्ट और सचिवालय एचइसी क्षेत्र में बन रहा है. राजभवन का निर्माण भी एचइसी क्षेत्र में प्रस्तावित है. ऐसे में राजभवन से बिरसा चौक तक सड़कों का चौड़ीकरण अनावश्यक होगा. इसी वजह से मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पहले ही राजभवन से बिरसा चौक तक की सड़क को स्मार्ट रोड में तब्दील करने की योजना को अनावश्यक बताते हुए काम बंद करने का आदेश दिया था.
अधिग्रहण के बाद दिया जाना था 1282 करोड़ मुआवजा
शहर की सड़कों को स्मार्ट बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा के मद में बड़ी रकम का प्रावधान किया गया था. अधिग्रहण के बाद 1282 करोड़ रुपये मुआवजा के रूप में दिये जाने थे. राजभवन से बूटी मोड़ सड़क के निर्माण की योजना 586.46 करोड़ की थी. इसमें सिर्फ मुआवजा पर 402 करोड़ रुपये खर्च होने थे.
एयरपोर्ट से बिरसा चौक तक की सड़क का निर्माण 101 करोड़ रुपये से किया जाना था. इसमें भूमि अधिग्रहण व मुआवजा पर 47.21 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे. वहीं, राजभवन से सर्कुलर रोड होते हुए कांटाटोली पथ की प्राक्कलन राशि 633.88 करोड़ निर्धारित की गयी थी. इसमें केवल भूमि अधिग्रहण व मुआवजा पर 531.78 करोड़ खर्च होने थे.

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