13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नामकुम : 10 हजार में बेच दिया था कलेजे के टुकड़े को, सीडब्ल्यूसी के समक्ष आज पेश की जायेगी बरामद बच्ची

नामकुम : नामकुम थाना क्षेत्र के बरगांवा में 10 हजार रुपये में एक महिला पूजा द्वारा अपनी ही दो माह की बच्ची को बेचने का मामला प्रकाश में आया है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब आस-पड़ोस की महिलाएं पूजा से बच्ची के बारे में पूछताछ करने लगी. पहले तो वो टालमटोल करती रही, […]

नामकुम : नामकुम थाना क्षेत्र के बरगांवा में 10 हजार रुपये में एक महिला पूजा द्वारा अपनी ही दो माह की बच्ची को बेचने का मामला प्रकाश में आया है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब आस-पड़ोस की महिलाएं पूजा से बच्ची के बारे में पूछताछ करने लगी.
पहले तो वो टालमटोल करती रही, लेकिन दबाव बनाने पर उसने बच्ची काे बेचने की बात को स्वीकार कर लिया. इस बात की जानकारी सीडब्ल्यूसी को दी गयी. सूचना पाते ही सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा ने थाना को जानकारी दी. इसके बाद चाइल्ड लाइन को बताया. फिलहाल, बच्ची को सीडब्ल्यूसी ने अपनी सुरक्षा में ले लिया है. उसे करूणा संस्था में रखा गया है. बच्ची को 16 जुलाई को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जायेगा.
कैसे सामने आया मामला : महुआटोली निवासी अनुपमा एक्का नामक महिला वाल्मीकि आवास में घरेलू काम करने के लिए किसी महिला को लेने पहुंची थी.
इसी क्रम में वह यहां रहनेवाली पूजा गाड़ी के घर पहुंची. जिसकी डेढ़ माह की बच्ची को रोता देख पूजा से बच्चों की अच्छी परवरिश करने की बात कही. इस पर पूजा ने गरीबी व चार बच्चों का हवाला देते हुए अनुपमा को बच्चा लेने की पेशकश की. कुछ दिनों बाद पूजा अपनी दो माह की बच्ची को अनुपमा के घर सौंप आयी. जिसके एवज में उसे 10 हजार रुपये भी मिले. इधर, बच्ची को नहीं देख पूजा से बच्ची के बारे में लोगों ने पूछताछ की, लेकिन वह टालती रही.
इधर कुछ महिला समिति से जुड़ी महिलाओं ने जब बच्ची के बारे में उससे पूछताछ की, तो उसने बच्ची को बेचे जाने की बात बतायी. पूजा की निशानदेही पर सभी अनुपमा एक्का के घर पहुंचीं पर उसने वहां बच्ची के न होने की बात कही. बाद में पुलिस तथा भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती सिंह की मदद से बच्ची को बरामद कर लिया गया तथा करुणा संस्थान की देखरेख में उसे सौंपा गया.
मुझसे देखा नहीं गया बच्ची का दर्द : अनुपमा
इस संबंध में अनुपमा एक्का का कहना है कि जब वह पूजा के घर पहुंची, तो देखा कि बच्ची को खटमल काट रहे थे. वह दर्द से रो रही थी. इतना ही नहीं, जो दूध बच्ची को पिलाया जा रहा था, उसमें चाय मिली हुई थी. बच्ची की ऐसी स्थिति देख उसने उसे पालने का मन बनाया तथा पैसे उसने दूसरे बच्चों की देखरेख के लिए दिये थे.
सभ्य समाज के लिए अफसोसजनक: आरती
वहीं आरती सिंह ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व स्वर्णरेखा नदी के किनारे से पुलिस ने दो माह की बच्ची का शव बरामद किया था. उस दौरान भी यही कयास लगाये जा रहे थे कि लड़की होने के कारण ही बच्ची को मार दिया गया होगा. अगर यह सब सचमुच हो रहा है, तो बिल्कुल गलत है. सभ्य समाज के लिए इससे बड़ी अफसोस जनक बात दूसरी नहीं हो सकती.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें