राजभवन के समक्ष धरना देकर विपक्ष ने किया एलान
विपक्ष ने भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून वापस नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है. आंदोलन के अगले चरण में पूरे राज्य में जेल भरो आंदोलन होगा.
यह निर्णय सोमवार को विपक्षी दलों व सामाजिक संगठनों की ओर से राजभवन के समक्ष आयोजित महाधरना में लिया गया. नेताओं ने कहा कि मंत्रियों व सत्ताधारी दल के विधायकों को क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जायेगा.
रांची : राजभवन के समक्ष आयोजित समूचे विपक्ष के इस महाधरना कार्यक्रम में शामिल होने के लिए झामुमो, कांग्रेस, झाविमो, राजद और वामदलों के अलावा सामाजिक संगठनों से जुड़े हजारों कार्यकर्ता पूरे राज्य से पहुंचे थे.
रिमझिम बारिश के बीच नेताओं ने एक स्वर में भूमि अधिग्रहण संशोधन को कानून वापस लेने की मांग की. साथ ही आह्वान किया कि 2019 के चुनावों में भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे और मंत्रियों व सत्ताधारी दल के विधायकों को क्षेत्र मेें घुसने नहीं दिया जायेगा. इसके बाद विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि जमीन लूटने और आदिवासियों-मूलवासियों का अस्तित्व समाप्त करने के लिए सरकार यह कानून लायी है. जल, जंगल और जमीन को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने की साजिश की गयी है. सरकार झारखंड को लूट खंड बना रही है.
सरकार ने अपने जनविरोधी फैसलों से जनता को उद्वेलित कर दिया है. नेताओं ने कहा कि जनता सड़क पर उतर आयी है. सरकार भी इस आंदोलन को अब नहीं रोक सकती है. सरकार ने लोकतंत्र के सीने में खंजर भोंका है. झारखंडियों को उजाड़ने का षड्यंत्र रचा है. आनेवाली पीढ़ी के जीवन से खिलवाड़ करने का प्रयास किया गया है. इसलिए इस लड़ाई को और निचले स्तर तक ले जाया जायेगा.
धरना को प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के अलावा डॉ अजय कुमार, आलमगीर आलम, सुबोधकांत सहाय, वृंदा करात, अन्नपूर्णा देवी, स्टीफन मरांडी, प्रदीप यादव, सुखदेव भगत, फुरकान अंसारी, बंधु तिर्की, राजकुमार यादव, अरूप चटर्जी, चंपई सोरेन, गिरिनाथ सिंह, मिथिलेश सिंह, सरफराज अहमद, विनोद सिंह, भुवनेश्वर मेहता, दयामनी बारला, वासवी किड़ो, डॉ करमा उरांव, प्रेम साही मुंडा, बन्ना गुप्ता और गौतम सागर राणा सहित कई नेताओं ने संबोधित किया. धरना का संचालन झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने किया.
धरना में मौजूद कार्यकर्ता : कांग्रेस की ओर से संजय पांडेय, आदित्य विक्रम जायसवाल, ज्योति सिंह मथारू, उदय प्रताप, सोनाल शांति, कमल ठाकुर, नंद लाल शर्मा, राम कुमार चौधरी, जितेंद्र कुमार, राजद की ओर से धरना में पूर्व मंत्री सुरेश पासवान,जनार्दन पासवान, मनोज कुमार, रामचंद्र सिंह,अभय सिंह, डॉ मनोज कुमार, राजेश यादव, हरिश श्रीवास्तव, सतरूपा पांडेय,आबिद अली, प्रणव बबलू, सईद सिद्दीकी, हरदेव साहू, रामकुमार यादव समेत विभिन्न दलों के नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे.
किसने क्या कहा
हेमंत सोरेन : आगे और धारदार आंदोलन होगा. जेल भरो आंदोलन चलाया जायेगा.
डॉ अजय कुमार : हेमंत के नेतृत्व में सरकार बनेगी, तो अधिग्रहण कानून रद्द किया जायेगा.
वृंदा करात : झारखंडियों के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी.
प्रदीप यादव : झारखंड को लूटने के लिए किये गये संशोधन को वापस लेना ही होगा.
अन्नपूर्णा देवी : कानून वापस होने तक हम सभी मिल कर आंदोलन जारी रखेंगे.
सुबोधकांत सहाय : हमारी सरकार बनी तो आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी.
गौतम सागर राणा : जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना है.
ढोल-नगाड़ों व पारंपरिक हथियारों के साथ पहुंचे कार्यकर्ता
महाधरना में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से हजारों कार्यकर्ता रांची पहुंचे थे. वे ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक हथियारों के साथ जुलूस के रूप में राजभवन पहुंचे और धरना में शामिल हुए. सभी अपनी-अपनी पार्टी का झंडा बैनर भी लिये हुए थे. कार्यकर्ताओं की संख्या इतनी ज्यादा हो गयी कि बैठने की जगह कम पड़ गयी. पुलिस को बैरिकेडिंग को पीछे करनी पड़ी.
धरना को लेकर सुरक्षा बलों की भारी संख्या में तैनाती की गयी थी. धरना के कारण राजभवन के आसपास अव्यवस्था का आलम था. इसके कारण शहर की कई सड़कें जाम हो गयीं, जिसमें स्कूल बस भी फंस गयी थी. कार्यक्रम लगभग पांच घंटे चला.