रांची : पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा में स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले के बाद झारखंड में विरोधी दलों का रघुवर दास सरकार पर हमला तेज हो गया है. बुधवार को रांची में स्वामी अग्निवेश के साथ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता गौतम सागर राणा ने एक साथ प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला बोला. सभी ने एक सुर में कहा कि लिट्टीपाड़ा में स्वामी अग्निवेश पर हुआ हमला सरकार की सुनियोजित साजिश थी. स्वामी अग्निवेश के साथ-साथ श्री सहाय और श्री मरांडी ने भी हमले की किसी रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग की.
होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित संक्षिप्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वामी अग्निवेश ने राज्य सरकार के साथ-साथ राज्यपाल पर भी आदिवासियों की अनदेखी करने के आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि जून में वह रांची आये थे और तब मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्यपाल से भी मिले थे. दोनों से कहा था कि आदिवासियों के हितों की अनदेखी न करें. उन्हें संरक्षण देने वाले पेसा कानून को लागू करवायें. पांचवीं अनुसूची पर कदम उठायें, ताकि आदिवासियों के हितों की रक्षा हो सके.
श्री अग्निवेश ने कहा कि एक बार फिर वह इस बारे में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बात करना चाहते थे. इसलिए दोनों से समय मांगा था. मुख्यमंत्री विधानसभा की कार्यवाही में व्यस्त होने की वजह से समय नहीं दे पाये. बुधवार सुबह 11 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से उनकी मुलाकात का समय तय था, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उनके पाकुड़ जाने की जानकारी मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों को थी. फिर भी उन्हें सुरक्षा नहीं दी गयी. सीआइडी ने भी ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं दी, जिससे वह सतर्क रहते. स्वामी अग्निवेश ने जोर देकर कहा कि उन पर हुए हमले के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता युवा मोर्चा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग शामिल हैं.
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि संघ से जुड़े प्रसन्न कृष्ण असामाजिक तत्व है. भाजपा का एक पार्षद भी उन पर हमला करने वालों में शामिल है. उन्होंने कहा कि जिस वक्त वह होटल से बाहर निकले, उनकी सुरक्षा के लिए कोई सिपाही मौजूद नहीं था. ईश्वर की कृपा थी कि वह बच गये. उन्होंने कहा कि रांची से दिल्ली लौटने के बाद एम्स के ट्रॉमा सेंटर में इलाज करवायेंगे.
राज्य सरकार की सुनियोजित साजिश थी मुझ पर हमला
स्वामी अग्निवेश ने कहा, ‘अगर इस तरह के हिंसा की आशंका थी, तो मुझे सचेत करना चाहिए था. पाकुड़ में मैं जहां ठहरा था, वहां सुरक्षा नहीं थी. जिस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गया था, वहां के लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी थी. फिर भी सुरक्षा नहीं दी गयी.’ अग्निवेश ने कहा, ‘मुझ पर हमला करने वाले एबीवीपी और भारतीय जनता युवा मोरचा के कार्यकर्ता थे. अगर पत्रकार वहां नहीं होते, तो कुछ भी हो सकता था. मैं उनके सामने हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वे मुझे लात-जूतों से मारते रहे.’
राम के नाम को बदनाम कर रहे भाजपा और संघ वाले
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हमलावर जय श्री राम के नारे लगा रहे थे. वे राम को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राम के नाम पर ये लोग लोगों पर कायरतापूर्ण हमले कर रहे हैं. यही लोग सनातन धर्म के सबसे बड़े दुश्मन हैं. उन्होंने कहा कि वे फिर पाकुड़ जायेंगे. फिर लिट्टीपाड़ा जायेंगे. जब भी पहाड़िया समुदाय के लोग उन्हें बुलायेंगे, वे पाकुड़ जायेंगे.
एकजुट हो विपक्ष, सामाजिक दल
स्वामी अग्निवेश ने सभी विरोधी दलों से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक संगठनों को एकजुट होकर इनका मुकाबला करना होगा. कहा कि यदि मिलकर इनका मुकाबला नहीं किया, तो ये फासिस्ट ताकतें पूरे देश को खत्म कर देगी. कहा कि उनके जैसे संन्यासी पर हमला किया गया. वे तो बच गये, लेकिन कोई कमजोर, गरीब कैसे बचेगा. उन्होंने कहा कि हत्यारी भीड़ का सबसे बड़ा शिकार गरीब और निर्दोष लोग हो रहे हैं.
आदिवासियों के अधिकार छीने जा रहे हैं
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पूरे भारत में आदिवासियों के अधिकार छीने जा रहे हैं. जंगल, जल, जमीन से उन्हें बेदखल किया जा रहा है. उनकी जमीनें अडाणी और अन्य उद्योगपतियों को दे देंगे ये लोग. 210 एमओयू हुए हैं. करीब 3.5 लाख एकड़ जमीन आदिवासियों से छीनकर उद्योगपतियों को देंगे. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची पर कोई काम नहीं हुआ. यदि इसे लागू कर दिया जाये, तो आदिवासियों की बहुत सी समस्याएं स्वत: खत्म हो जायेंगी. पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून आदिवासियों को अधिकारसंपन्न बनाता है. झारखंड की राज्यपाल से पिछले साल वह मिले थे. उनसे अपील की थी कि वे आदिवासी हैं, इस दिशा में पहल करें और इसे लागू करवायें.
मैं गोमांस का समर्थक नहीं
स्वामी अग्निवेश ने कहा : मैंने पाकुड़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उसके बाद ही मुझ पर हमला हुआ. इस कॉन्फ्रेंस में मैंने हिंसा का विरोध किया था. मुझ पर हमला करने वाले लोग नारा लगा रहे थे कि मैं गोमांस का समर्थक हूं. मैंने, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही कहा, मैं किसी भी तरह के मांस का पक्षधर नहीं हूं मैं जीव हत्या के खिलाफ हूं. अग्निवेश ने कहा, मुझे जानकारी मिली की कुछ एबीवीपी और भाजयुमो के कार्यकर्ता बाहर विरोध कर रहे हैं मैंने उन्हें बुलाया कहा कि वह हमारे दोस्त हैं अगर हमसे कोई गलती हुई है तो हम माफी मांग लेंगे उन्हें बुला लिया जाए लेकिन वह नहीं आये. मैं जैसे ही बाहर निकला मुझ पर हमला कर दिया.
क्या कहना है कांग्रेस, जेवीएम का
स्वामी अग्निवेश के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेवीएम के सुप्रीमो बाबुलाल मरांडी , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय और आलमगीर आलम मौजूद थे. बाबुलाल ने कहा, सरकार इस तरह के हमले के जरिये संदेश देना चाहती है कि कोई भी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा उसे इसी तरह रोका जायेगा. अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था उन्हें छोड़ दिया गया. सरकार इस मामले की गंभीरता से जांच नहीं करा रही साफ पता चलता है कि यह योजना के तहत किया गया है.
सुबोधकांत ने भी इस हमले को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा, स्वामी अग्निवेश झारखंड के नहीं है जिस तरह उन पर हमला हुआ है पीएम मोदी को स्वामी से माफी मांगनी चाहिए. देश में इस वक्त हिंसा का माहौल है. हम सभी पार्टियां जो इस हिंसा का विरोध करती हैं मिलकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. आलमगीर आलम ने भी स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले पर ठीक से जांच की मांग की.