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विधानसभा में बोले मंत्री सीपी सिंह, विदेशी दलाल व फ्रॉड हैं स्वामी अग्निवेश, स्वामी ने कहा, मैं माफी मांगने के लिए तैयार

लगातार तीसरे दिन भी झारखंड विधानसभा में भारी हंगामा रांची : सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की पिटाई करनेवालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मानसून सत्र के तीसरे दिन भी विधानसभा में हंगामा हुआ. मंत्री सीपी सिंह ने स्वामी अग्निवेश को विदेशी दलाल व फ्राॅड कहा. इस पर विपक्षी दल के नेता वेल में आकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2018 7:15 AM
लगातार तीसरे दिन भी झारखंड विधानसभा में भारी हंगामा
रांची : सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की पिटाई करनेवालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मानसून सत्र के तीसरे दिन भी विधानसभा में हंगामा हुआ. मंत्री सीपी सिंह ने स्वामी अग्निवेश को विदेशी दलाल व फ्राॅड कहा. इस पर विपक्षी दल के नेता वेल में आकर हंगामा करने लगे. इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.
हंगामे के कारण बुधवार को सदन में मात्र 30 मिनट ही कार्यवाही चल पायी. मानसून सत्र में अब तक सदस्यों के एक भी सवाल नहीं उठ पाया है. हंगामा के बीच बिना चर्चा के 2596.86 करोड़ का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हुआ. बुधवार को सदन की कार्यवाही दिन के 11.05 बजे शुरू हुई. कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल के नेता स्वामी अग्निवेश की पिटाई करनेवाले भाजपा के लोगों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि जैसे ही मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी मिली, उन्होंने तत्काल संताल परगना के आयुक्त व डीआइजी को जांच की जिम्मेवारी सौंप दी. इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी. वहीं सीपी सिंह ने कह दिया कि स्वामी अग्निवेश विदेशी दलाल व फ्राॅड हैं. इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार मामले की लीपापोती करना चाहती है. आरोपियों को पहले पकड़ा गया था. फिर उन्हें किसके आदेश पर छोड़ दिया गया. इस पर संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि खूंटी में पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हुई. इस पर विपक्षी दल के विधायकों ने कुछ नहीं कहा. आज सदन नहीं चलने दे रहे हैं. स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि सदस्यों को विचार करना चाहिए कि प्रश्नकाल चले कि नहीं. सदन को चलाने के लिए आसन की ओर से हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन सभी नाकाम साबित हुए.
यही स्थिति रही, तो विधायी संस्थान की गरिमा पर आंच आयेगी. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 12.45 बजे तक स्थगित कर दिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही 12.49 में शुरू हुई. फिर हंगामा शुरू हो गया. भाजपा विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि खूंटी में पांच बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म व मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चा बेचने के मामले में विपक्षी दल के नेता क्यों मौन हैं? इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपकी सरकार है, जांच कर दोषियों को सजा दिलायें. स्वामी अग्निवेश मामले में मुख्यमंत्री का बयान आना चाहिए. आखिर शांतिप्रिय झारखंड कैसे अशांत हो गया. हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री ने दामोदर घाटी निगम का वार्षिक प्रतिवेदन सदन पटल पर रखा. 12.54 बजे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दिन के दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दूसरी पाली में जम कर हंगामा हुआ.
स्वामी अग्निवेश ने कहा, साजिश के तहत सरकार ने करवाया हमला,
रांची : सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने पाकुड़ में अपने ऊपर हुए हमले को राज्य सरकार की साजिश करार दिया है. साथ ही इस मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग भी की है.
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को फासिज्म की सरकार करार देते हुए पूरे विपक्ष के इनके खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है. रांची में पत्रकारों से बात करते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पाकुड़ में जहां वह ठहरे थे, वहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी. मैं लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया जनजाति के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गया था, वहां के लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी थी. फिर भी सुरक्षा नहीं दी गयी.
उन्होंने कहा कि मुझ पर हमला करने वाले एबीवीपी और भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता थे. अगर पत्रकार वहां नहीं होते, तो कुछ भी हो सकता था. मैं उनके सामने हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वे मुझे लात-जूतों से मारते रहे.
मेरे कपड़े फाड़ दिये. पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया भी, फिर 10 मिनट बाद छोड़ भी दिया. इससे लगता है कि राज्य सरकार ने एक सुनियोजित साजिश के तहत मुझ पर हमला करवाया है.
राम के नाम को बदनाम कर रहे भाजपा और संघ वाले
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हमलावर जय श्री राम के नारे लगा रहे थे. वे राम को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राम के नाम पर ये लोग कायरतापूर्ण हमले कर रहे हैं. यही लोग सनातन धर्म के सबसे बड़े दुश्मन हैं.
आदिवासियों की अनदेखी कर रही है सरकार
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पूरे भारत में आदिवासियों के अधिकार छीने जा रहे हैं. जंगल, जल, जमीन से उन्हें बेदखल किया जा रहा है. उनकी जमीनें अडाणी और अन्य उद्योगपतियों को दी जा रही है. 210 एमओयू हुए हैं.
करीब 3.5 लाख एकड़ जमीन आदिवासियों से छीनकर उद्योगपतियों को देंगे. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची लागू कर दिया जाये, तो आदिवासियों की कई समस्याएं स्वत: खत्म हो जायेंगी.
झारखंड की राज्यपाल से पिछले साल वह मिले थे. उनसे अपील की थी कि वे आदिवासी हैं, इस दिशा में पहल करें और इसे लागू करायें.उन्होंने कोई पहल नहीं की. 1996 में पेसा एक्ट पारित हुआ. पर किसी राज्य ने रूल नहीं बनाया जिसके कारण यह लागू नहीं हो पा रहा है.
राज्यपाल पर भी अनदेखी का लगाया आरोप
स्वामी अग्निवेश ने राज्य सरकार के साथ राज्यपाल पर भी आदिवासियों की अनदेखी करने के आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि जून में वह रांची आये थे और तब मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल से भी मिले थे.
दोनों से कहा था कि आदिवासियों के हितों की अनदेखी न करें. उन्हें संरक्षण देने वाले पेसा कानून को लागू करवायें. श्री अग्निवेश ने कहा कि एक बार फिर वह इस बारे में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बात करना चाहते थे. इसलिए दोनों से समय मांगा था. मुख्यमंत्री विधानसभा की कार्यवाही में व्यस्त होने की वजह से समय नहीं दे पाये.
बुधवार सुबह 11 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से उनकी मुलाकात का समय तय था, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उनके पाकुड़ जाने की जानकारी मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों को थी. फिर भी उन्हें सुरक्षा नहीं दी गयी.
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उन पर हुए हमले के पीछे आरएसएस, भाजयुमो और अभाविप के लोग शामिल हैं.स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि संघ से जुड़े प्रसन्न असामाजिक तत्व है. भाजपा का एक पार्षद भी उन पर हमला करने वालों में शामिल है. उन्होंने कहा कि वह एम्स के ट्रॉमा सेंटर में इलाज करायेंगे.
एकजुट हो विपक्ष
स्वामी अग्निवेश ने सभी विरोधी दलों से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि मिलकर इनका मुकाबला नहीं किया, तो ये फासिस्ट ताकतें पूरे देश को खत्म कर देगी.
कहा कि उनके जैसे संन्यासी पर हमला किया गया. वे तो बच गये, लेकिन कोई कमजोर, गरीब कैसे बचेगा. उन्होंने कहा कि हत्यारी भीड़ का सबसे बड़ा शिकार गरीब और निर्दोष लोग हो रहे हैं.सुप्रीम कोर्ट का भी असर इनके ऊपर नहीं होता है. सुप्रीम कोर्ट को कंटेप्ट का मामला लेना चाहिए.
मैं गोमांस का समर्थक नहीं
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पाकुड़ में मुझ पर हमला करनेवाले लोग नारा लगा रहे थे कि मैं गोमांस का समर्थक हूं. मैंने, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही कहा, मैं किसी भी तरह के मांस का पक्षधर नहीं हूं. मैं जीव हत्या के खिलाफ हूं.
बाबूलाल और सुबोध ने आलोचना की
स्वामी अग्निवेश के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी , पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, आलमगीर आलम, केएन त्रिपाठी, मनोज यादव भी मौजूद थे. बाबूलाल ने कहा, सरकार इस तरह के हमले के जरिये संदेश देना चाहती है कि कोई भी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा, उसे इसी तरह रोका जायेगा.
मैं सीपी सिंह जी से माफी मांगने के लिए तैयार
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह द्वारा स्वामी अग्निवेश को विदेशी दलाल कहे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि मैं सीपी सिंह जी से जानना चाहता हूं कि मुझसे क्या गलती हो गयी. मैं उनसे निवेदन करता हूं कि वे मुझे अपने घर पर आमंत्रित करें. मुझे बताइये कि मुझसे क्या गलती हुई है और यदि गलती हुई है, तो मैं उनसे माफी मांगने के लिए भी तैयार हूं.

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