रांची : जमशेदपुर के एमजीएम कॉलेज को नेत्र प्रत्यारोपण का लाइसेंस मिला

रांची : मानव अंगों के प्रत्यारोपण संबंधी कानून-2011 के तहत गठित राज्य स्तरीय एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में एमजीएम कॉलेज, जमशेदपुर को नेत्र प्रत्यारोपण का लाइसेंस निर्गत कर दिया गया है. इसकी अवधि पांच वर्षों की होगी. वहीं रिम्स रांची, एएसजी अस्पताल जमशेदपुर तथा बोकारो जेनरल अस्पताल का लाइसेंस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2018 8:56 AM
रांची : मानव अंगों के प्रत्यारोपण संबंधी कानून-2011 के तहत गठित राज्य स्तरीय एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में एमजीएम कॉलेज, जमशेदपुर को नेत्र प्रत्यारोपण का लाइसेंस निर्गत कर दिया गया है.
इसकी अवधि पांच वर्षों की होगी. वहीं रिम्स रांची, एएसजी अस्पताल जमशेदपुर तथा बोकारो जेनरल अस्पताल का लाइसेंस पांच वर्षों के लिए रिन्यूअल कर दिया गया है. इधर, बिहार आइ बैंक रांची में कुछ कमियों के मद्देनजर इसे तीन माह का प्रोविजनल लाइसेंस सशर्त निर्गत किया गया है. इस दौरान अस्पताल की त्रुटियों को सुधार कर कमेटी को सूचित करने को कहा गया है. वहीं एएसजी अस्पताल, धनबाद को लाइसेंस नहीं मिला है. बताया गया कि झारखंड में प्रति वर्ष सिर्फ 20-25 नेत्र प्रत्यारोपण ही होता है.
अब प्रति वर्ष 250 प्रत्यारोपण का लक्ष्य रखा गया है. बैठक के दौरान ब्रेन डेड के बाद नेत्र व किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों के प्रत्यारोपण के लिए आगे की कार्रवाई करने तथा नेत्र प्रत्यारोपण वाले मरीज तथा नेत्र दान करने वालों का निबंधन अॉनलाइन करने का भी निर्णय हुआ है.
कमेटी में शामिल निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ राजेंद्र पासवान, उप सचिव अभिषेक श्रीवास्तव, निदेशक स्वास्थ्य डॉ जेपी सिंह, सेवानिवृत्त नेत्र विशेषज्ञ डॉ राजमोहन, दुमका का नेत्र शल्य चिकित्सक डॉ निशित झा, जमशेदपुर की सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि बोस, रांची की अधिवक्ता आरती वर्मा, सेवानिवृत्त न्यायाधीश पीपी पांडेय तथा मेडिका अस्पताल के निदेशक डॉ संजय कुमार ने स्वास्थ्य सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में 16 जुलाई को हुई इस बैठक में हिस्सा लिया था.

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