रांची : बच्चा बेचने मामले में आयोग तैयार कर रहा रिपोर्ट, आज मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले की समीक्षा करेंगे सदस्य
रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र से बच्चों के बेचे जाने के मामले पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग रिपोर्ट तैयार कर रहा है. इस मामले में जानकारी के लिए आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो मंगलवार को रांची आ रहे हैं. रांची पहुंचने के बाद वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र […]
रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र से बच्चों के बेचे जाने के मामले पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग रिपोर्ट तैयार कर रहा है. इस मामले में जानकारी के लिए आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो मंगलवार को रांची आ रहे हैं. रांची पहुंचने के बाद वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र जायेंगे. यहां वह पूरी घटना की जानकारी हासिल करेंगे.
उनके साथ मामले के अनुसंधानकर्ता व एनएसीजी (नेशनल एक्शन को-ऑर्डिनेशन ग्रुप) के कोषाध्यक्ष संजय मिश्र भी रहेंगे. टीम सभी संबंधित पक्षों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार करेगी. रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय में बच्चों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी पायी गयी है.
यहां से बेचे गये चार बच्चों को पुलिस ने बरामद कर लिया है. इस मामले की सीआइडी जांच भी की जा रही है. मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ही संस्था शिशु सदन में भी गड़बड़ी की बात सामने आयी है. जिला प्रशासन ने यहां के दस्तावेजों में गड़बड़ी पायी है. इसके बाद यहां रहनेवाले बच्चों को दूसरी जगह पर स्थानांतरित किया गया है. आयोग के सदस्य इस पर भी पूछताछ करेंगे.
आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो आज पहुंचेंगे रांची
बाल श्रम, ट्रैफिकिंग को लेकर सचिवों के साथ बैठक भी करेंगे
इसके बाद वे प्रोजेक्ट भवन में जाकर झारखंड में बाल श्रम उन्मूलन और बच्चों की ट्रैफिकिंग के मसले पर सचिवों के साथ बैठक करेंगे. इसके लिए श्रम नियोजन और प्रशिक्षण विभाग, महिला अौर बाल विकास विभाग, गृह विभाग तथा अन्य संबद्ध विभागों के सचिवों को बुलाया गया है.
भारतीय किसान संघ के संजय मिश्रा ने बताया कि आयोग और संघ की तरफ से राज्य के कोडरमा और गिरिडीह में अभरख खदानों में कार्य कर रहे बच्चों को बाल मजदूरी से निकालने तथा उनके पुनर्वास को लेकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. सर्वेक्षण के कार्य की भी समीक्षा बैठक में की जायेगी.
अभरख खदानों से छुड़ाये गये बच्चों के पुनर्वास और सरकारी स्कूलों में शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर भी सरकार को दिशा-निर्देश दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि अभरख खदानों में कार्यरत बच्चों के बेहतर पुनर्वास को लेकर केंद्रीय महिला और बाल विकास विभाग की तरफ से आवश्यक निर्देश भी दिये गये हैं.