झारखंड चौथे से छठे स्थान पर पहुंचा, पैसे की कमी, बंद है पीएम आवास योजना का काम
मनोज लाल केंद्र सरकार ने योजना के लिए वित्तीय वर्ष में मात्र 132 करोड़ रुपये दिये, 68 करोड़ और रिलीज किया गया रांची : पैसे के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का काम पूरे राज्य में अब भी बंद है. इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष में अभी तक मात्र 132 […]
मनोज लाल
केंद्र सरकार ने योजना के लिए वित्तीय वर्ष में मात्र 132 करोड़ रुपये दिये, 68 करोड़ और रिलीज किया गया
रांची : पैसे के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का काम पूरे राज्य में अब भी बंद है. इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष में अभी तक मात्र 132 करोड़ रुपये ही दिये हैं, जो काफी कम है.
यह राशि राज्य सरकार को काफी पहले मिल गयी थी, लेकिन विभाग को अब जाकर यह राशि मिली है. जिलों को यह राशि दे दी गयी है, ताकि बंद पड़े आवासों का काम शुरू हो सके. वहीं करीब 68 करोड़ रुपये केंद्र से और रिलीज किये गये हैं.
अगर राज्य सरकार की प्रक्रिया में देरी हुई, तो विभाग को यह राशि मिलने में एक सप्ताह लगेगा. यह राशि पीएम आवास योजना के लिए काफी कम मानी जा रही है. फील्ड अफसरों का कहना है कि इतनी राशि चार-पांच दिनों में ही खत्म हो जायेगी. इसके बाद फिर काम ठप हो जायेगा.
राज्य के पास है 227 करोड़ का प्रस्ताव
ग्रामीण विकास विभाग ने राज्यांश से 227 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव तैयार किया था. इसकी अनुमति मुख्यमंत्री से भी ले गयी है. अगर इतनी राशि विभाग को मिलती है, तो कुछ काम और हो सकेगा, लेकिन अभी तक यह राशि विभाग को नहीं मिल सकी है. पहले भी राज्यांश से 172 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इसके बाद भी राशि कम पड़ी.
योजना के लिए काफी कम है यह राशि, चार-पांच दिनों में ही हो जायेगी खत्म
598 करोड़ देना है केंद्र को
केंद्र सरकार ने केंद्रांश के रूप में 598 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, लेकिन वहां से राशि मिलने में देरी हो रही है. ऐसे में अफसरों ने इस पर विचार किया है कि अगर केंद्र और राशि रिलीज नहीं करता है, तो मुख्यमंत्री के स्तर पर केंद्रीय मंत्रालय में पहल की जायेगी, ताकि योजना प्रभावित न हो. क्षेत्रीय अफसरों का कहना है कि पीएम आवास के 60 फीसदी लाभुक अनुसूचित जाति व जनजाति के हैं. उनका काम अधूरा पड़ा हुआ है. बरसात के पहले वे अपने आवासों की छतों की ढलाई तक नहीं कर सके. समय से पैसा मिल जाता, तो बड़ी संख्या में लोग नये आवास में रह पाते.
पीएम आवास योजना : झारखंड चौथे से छठे स्थान पर पहुंचा
रांची : प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में झारखंड का रैंक दो पायदान गिर गया है. इस तरह झारखंड चौथे स्थान से छठे पायदान पर आ गया है, जबकि योजना को स्वीकृति देने में झारखंड देश में अव्वल रहा है. शुरुआती समय में झारखंड में पीएम आवास योजना का काम तेज था, लेकिन हाल के दिनों में इसमें तेजी से गिरावट आयी है.
विभाग ने झारखंड में पीएम आवास योजना की स्थिति खराब होने के पीछे संताल परगना के छह जिलों के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार माना है. विभाग ने कहा है कि इन छह जिलों के कारण ऐसी स्थिति हुई है. इसमें पाकुड़, दुमका, साहेबगंज, देवघर, गोड्डा व जामताड़ा के प्रदर्शन को खराब माना गया है. राज्य का ओवर अॉल परफॉरमेंस 78.1 फीसदी है. वहीं पाकुड़ का 65.03 फीसदी, दुमका का 74.05, साहेबगंज का 76.9 प्रतिशत रहा.
रैंकिंग में झारखंड से अव्वल राज्य
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल.
पैसे की कमी के कारण पिछड़ा रहा
झारखंड पीएम आवास योजना में पैसे की कमी की वजह से पिछड़ रहा है. यहां काम करने के लिए पैसा नहीं है. यहां काम कराने के लिए लंबे समय से राशि नहीं मिल रही है. ऐसे में धीरे-धीरे योजना की हालात और खराब होते जा रही है. क्षेत्रीय पदाधिकारियों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही, तो राज्य काफी पीछे चला जायेगा. ऐसे में दूसरे बढ़े हुए राज्यों की बराबरी कर पाना मुश्किल हो जायेगा.