रांची : विकास समितियों के लिए 60 करोड़ आवंटित
इस रकम से पंचायतों में विकास कार्यों को अंजाम देंगी समितियां रांची : पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में गठित ग्राम विकास/आदिवासी विकास समितियों के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये हैं. समितियां इस रकम से पंचायतों में विकास कार्यों को अंजाम देंगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने तथाकथित रूप से ग्रामीण विकास […]
इस रकम से पंचायतों में विकास कार्यों को अंजाम देंगी समितियां
रांची : पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में गठित ग्राम विकास/आदिवासी विकास समितियों के लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित कर दिये हैं. समितियां इस रकम से पंचायतों में विकास कार्यों को अंजाम देंगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने तथाकथित रूप से ग्रामीण विकास में जन-जन की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए हर गांव में ग्राम विकास/आदिवासी विकास समितियों का गठन किया है.
ये समितियां राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा करायी जाने वाली स्थानीय महत्व की छोटी योजनाअों जैसे चेक डैम, जल संरक्षण-संचयन की संरचना, तालाब, आहर व डोभा, जिनकी लागत अधिकतम पांच लाख रुपये तक होगी, उसके निर्माण का कार्य करायेगी. उन्हीं योजनाअों को समिति के माध्यम से कराया जायेगा, जिनका निर्माण या क्रियान्वयन अधिकतम एक वर्ष की अवधि का हो. योजनाअों का चयन उपयोगिता के आधार पर किया जायेगा.
क्या है समिति
ग्राम विकास/आदिवासी विकास समिति नौ सदस्यीय समिति है, जिसकी अध्यक्ष महिला होगी. यदि संबंधित गांव में परिवारों की संख्या 100 से अधिक होगी, तो वहां 11 सदस्यीय समिति का गठन होगा. समिति में दो महिलाएं (11 सदस्यीय में तीन), दो एसटी, दो एससी तथा अन्य तीन (11 सदस्यीय में चार) योग्य व गणमान्य लोग रहेंगे.
वहीं संबंधित पंचायत के मुखिया/ग्राम प्रधान/मानकी-मुंडा विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. यदि किसी गांव में एसटी अाबादी कुल आबादी के 50 फीसदी से कम हो, वहां ग्राम विकास समिति तथा जहां 50 फीसदी से अधिक हो, वहां अादिवासी विकास समिति का गठन होगा. समिति का कार्यकाल दो वर्षों का होगा. प्रखंड स्तर पर बीडीअो के वित्तीय व प्रशासनिक नियंत्रण में समिति कार्य करेगी.