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खुलासा : विदिशा ने नहीं की थी आत्महत्या स्कूल के हॉस्टल में हुई थी हत्या

अमन तिवारी केस दर्ज होने के चार साल बाद सीआइडी की जांच में हुआ खुलासा रांची : बरियातू थाना क्षेत्र के करमटोली बरियातू मार्ग स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल की छात्रा विदिशा राय ने स्कूल के हॉस्टल में आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी हत्या हुई थी. इस बात की पुष्टि सीआइडी की जांच और समीक्षा […]

अमन तिवारी

केस दर्ज होने के चार साल बाद सीआइडी की जांच में हुआ खुलासा
रांची : बरियातू थाना क्षेत्र के करमटोली बरियातू मार्ग स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल की छात्रा विदिशा राय ने स्कूल के हॉस्टल में आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी हत्या हुई थी. इस बात की पुष्टि सीआइडी की जांच और समीक्षा रिपोर्ट में हुई है. सीआइडी एसपी द्वारा तैयार समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मेडिकल बोर्ड ने छात्रा के गले में लिगेचर मार्क राउंड दि नेक पाया है. जबकि साधारण रूप से आत्महत्या के केस में लिगेचर मार्क यू सेप में पाया जाता है. इसके अलावा पूर्व में अनुसंधानक ने मृतका की निजी डायरी को अनुसंधान के दौरान सुसाइड नोट बता दिया था. जबकि वह डायरी सुसाइड नोट नहीं था़ जांच में पाया गया कि विदिशा राय रोजाना अपनी मन की बात उस डायरी में लिखती थी.
विदिशा डायरी में लिखती थी अपनी मन की बात
रिपोर्ट में कहा गया है कि मृतका अपनी डायरी में मन की बात को लिखती थी. डायरी की वह लाइन जिसमें अलविदा शब्द का उल्लेख किया गया है, उसे पूर्व में सुसाइड नोट माना गया था. जबकि वास्तव में वह एक कविता है और शीर्षक अलविदा है, जिसे घटना के छह माह पूर्व लिखी गयी थी. इसलिए डायरी को सुसाइड नोट मान लेना उचित प्रतीत नहीं होता है. उपर्युक्त बिंदुओं के विवेचना के आधार पर इसे आत्महत्या का केस मान लेना उचित प्रतीत नहीं होता है. क्योंकि घटना के समय स्कूल में कार्यरत शिक्षक श्रीमनु एवं अरविंद भी घटना के बाद स्कूल छोड़ कर चले गये हैं, जिससे घटना के समय अहम जानकारी मिल सकती थी. अनुसंधानक द्वारा उक्त दोनों शिक्षकों के पते के बारे में स्कूल के प्राचार्य से बार-बार जानकारी मांगे जाने के बावजूद उन्होंने कुछ नहीं बताया. इसलिए यह मामले को और भी संदिग्ध बनाता है. इसलिए घटना स्थल से मिले साक्ष्य, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल की रिपोर्ट, परिस्थिति जनक साक्ष्य और आरोपियों द्वारा दिये गये बयान जांच में गलत पाये जाने की वजह से यह मामला हत्या का प्रतीत होता है. लेकिन प्राथमिकी के दोनों आरोपियों की संलिप्तता की बिंदु पर अंतिम निर्णय लेने के लिए सीआइडी ने कुछ अन्य बिंदुओं पर जांच का निर्णय लिया है.
स्कूल प्रबंधक व प्रशासक पर लगा था हत्या का आरोप
13 सितंबर 2013 को विदिशा राय का शव उसके कमरे में मिला था. तब उसके बचे होने की आस में लोग उसे लेकर रिम्स पहुंचे थे. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद उसके पिता सहित परिवार के अन्य सदस्य रांची पहुंचे. मामले में चतरा के जतराही निवासी पिता विकास कुमार राय की शिकायत पर बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की हत्या का स्कूल के प्रबंधक हरिनारायण चतुर्वेदी और स्कूल के प्रशासक सुभाष क्रिपेकर पर लगाया था.
डीएसपी ने सुपरविजन रिपोर्ट में इस केस को आत्महत्या का मामला बताया था
सीआइडी के अधिकारियों ने समीक्षा रिपोर्ट में लिखा है कि पूर्व में यह केस जिला पुलिस द्वारा अनुसंधान किया जा रहा था. केस में सुभाष क्रिपेकर और हरिनारायण चतुर्वेदी की संलिप्तता पर साक्ष्य की कमी दिखाते हुए पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट जारी की थी. इसके बाद सीआइडी ने सात अगस्त 2015 से केस का अनुसंधान आरंभ किया था. केस का अनुसंधानक तत्कालीन सीआइडी इंस्पेक्टर बनाया गया था और सुपरविजन करने की जिम्मेवारी तत्कालीन सीआइडी डीएसपी दीपक कुमार अंबष्ठ को सौंपी गयी थी. डीएसपी ने अपने सुपरविजन रिपोर्ट में इस केस को आत्महत्या का मामला बताया था. लेकिन उन्होंने 14 बिंदुओं पर जांच के बाद केस में अंतिम निर्णय लेने का विचार किया था. जिसके बाद सीआइडी विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही थी.

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