बादलों की वजह से चंद्र ग्रहण नहीं देख पाये रांचीवासी

रांची : सदी के सबसे लंबी अवधि के चंद्र ग्रहण को लेकर शुक्रवार को राजधानी के लोग खासे उत्सुक दिखे. सुबह से ही लोग एक-दूसरे सूतक, चंद्र ग्रहण की शुरुआत और समाप्ति के समय की जानकारी लेते रहे. चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले ही लोग घरों के बाहर और छतों पर इकट्ठा हो गये, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2018 4:04 AM

रांची : सदी के सबसे लंबी अवधि के चंद्र ग्रहण को लेकर शुक्रवार को राजधानी के लोग खासे उत्सुक दिखे. सुबह से ही लोग एक-दूसरे सूतक, चंद्र ग्रहण की शुरुआत और समाप्ति के समय की जानकारी लेते रहे. चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले ही लोग घरों के बाहर और छतों पर इकट्ठा हो गये, लेकिन बादलों की वजह से उन्हें निराशा हाथ लगी. काफी इंतजार के बावजूद लोग इस खागोलीय घटना को नहीं देख पाये.

इधर, चंद्र ग्रहण से करीब नौ घंटे पहले दोपहर 2:45 बजे सूतक लगते ही शहर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिये गये.

इससे पहले सभी अनुष्ठान विधिवत पूरे किये गये. वहीं, गुरु पूर्णिमा होने की वजह से लोगों सूतक लगने से पहले मंदिरों में पूजा-अर्चना पूरी करने की आपाधापी दिखी. निश्चित समयानुसार शुक्रवार रात 11:54 बजे चंद्र ग्रहण शुरू हुआ. इसकी समाप्ति रात 2:43 बजे हुई. ग्रहण समाप्त होने के बाद ही कई लोगों ने स्नान ध्यान किया. साथ ही घरों में गंगा जल डालकर शुद्ध किया और पूजा-अर्चना की. इधर, शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री रघुवर दास पहाड़ी मंदिर का मुआयना करने पहुंचे थे, लेकिन सूतक लगे होने के कारण वे मुख्य मंदिर में नहीं गये. नीचे से ही उन्होंने भगवान भोलेनाथ को प्रणाम किया और सबके लिए मंगल कामना की.

शिवालयों में रात से ही पहुंचने लगी थी भक्तों की भीड़
शनिवार से श्रावण मास शुरू हो गया. पहाड़ी मंदिर समेत राजधानी के शिवालयों में शुक्रवार रात से ही शिवभक्तों का रेला पहुंचने लगा था. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों की साफ-साफई की गयी. पूजा-अर्चना और आरती के बाद गर्भ गृह के पट भक्तों के लिए खोल दिये गये, जिसके बाद शिव भक्तों ने जलाभिषेक शुरू कर दिया.

अगला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को
अगला चंद्रग्रहण वर्ष 2019 में 21 जनवरी को लगेगा. यह भारत में दृश्यमान नहीं है. अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका सहित अन्य जगहों पर खग्रास चंद्र ग्रहण दृश्यमान है. वहीं 11 अगस्त को सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन वह भी भारत में दृश्यमान नहीं है.
आस्था और उत्सुकता
चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले दोपहर 2:45 बजे लग गया था सूतक
चंद्र ग्रहण देखने के लिए घरों की छतों पर जुटे लोग, लेकिन नहीं हुआ चांद का दीदार

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