वर्ल्ड टाइगर डे आज: कभी सड़कों पर घूमते थे बाघ, आज दर्शन भी दुर्लभ
मनोज सिंह 10 साल में संरक्षण पर 50 करोड़ से अधिक खर्च , फिर भी घटती गयी बाघों की संख्या रांची : हिंदी की साहित्यिक पत्रिका सारिका में 1971 में साहित्यकार राधाकृष्ण का एक लेख छपा था. इसमें उन्होंने अपनी 1931 की रांची यात्रा का जिक्र किया था. इसमें इलाहाबाद से डालटेनगंज के रास्ते रांची […]
मनोज सिंह
10 साल में संरक्षण पर 50 करोड़ से अधिक खर्च , फिर भी घटती गयी बाघों की संख्या
रांची : हिंदी की साहित्यिक पत्रिका सारिका में 1971 में साहित्यकार राधाकृष्ण का एक लेख छपा था. इसमें उन्होंने अपनी 1931 की रांची यात्रा का जिक्र किया था. इसमें इलाहाबाद से डालटेनगंज के रास्ते रांची आने के क्रम में एक घटना का उन्होंने जिक्र किया था. इसमें लिखा था कि गलती से डालटेनगंज में आंख नहीं खुली.
जब ट्रेन बरवाडीह पहुंची, तो आंख खुली. वहां स्टेशन पर राज गुजारने के दौरान स्टेशन मास्टर ने उनको बताया था कि यहां बाघ और शेर कुत्ते की तरह घूमते हैं. कुछ दिन पहले ही एक शेर एक व्यक्ति को ट्रेन से लेकर चला गया था. यह वही इलाका है, जहां आज पलामू टाइगर रिजर्व है. भारत सरकार ने इलाके में बाघों की संख्या और उनके अनुकूल वातावरण को देखते हुए टाइगर रिजर्व बनाया है. यह रिजर्व आज बेहाल है. यहां बाघ हैं कि नहीं, इसको लेकर अलग-अलग तर्क हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी भी इस रिजर्व में बाघ हैं, लेकिन वहां आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से यहां बाघ नहीं दिखा. वन विभाग पलामू टाइगर रिजर्व में अभी तीन से चार बाघ होने का दावा कर रहा है.
झारखंड में बाघों के संरक्षण पर होने वाले खर्च बढ़ रहे हैं. पिछले 10-12 सालों में बाघों के संरक्षण पर 50 करोड़ से अधिक खर्च हो गये हैं. केवल नेशनल टाइगर रिजर्व कंजर्वेशन ऑथोरिटी (एनटीसीए) ने पिछले छह साल में झारखंड को करीब 12 करोड़ रुपये टाइगर प्रोजेक्ट के लिए दिये हैं. विभागीय आंकड़े बताते हैं कि 1992 में बेतला (पलामू टाइगर रिजर्व) में 55 बाघ थे. 2003 में इसकी संख्या 36 से 38 के बीच हो गयी. पिछले 10 साल में करीब 30 बाघ गायब हो गये हैं. वन विभाग ने अब 2022 तक बाघों की संख्या एक दर्जन से अधिक करने का लक्ष्य रखा है. मालूम हो कि बेतला राज्य का एक मात्र टाइगर रिजर्व है. यह करीब 779 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
विश्व टाइगर दिवस पर आज कार्यक्रम
रांची. विश्व टाइगर दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है. इस मौके पर वन विभाग की ओर से होटल बीएनआर में कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. इसमें बाघों के संरक्षण पर विचार किया जायेगा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी होंगे. इसमें तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया है.