रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में झारखंड के रमेश साहू की प्रशंसा करते हुए दूसरों के लिए मिसाल बताया और कहा कि देश के किसी कोने में ऐसे उदाहरणों से मुझे ऊर्जा मिलती है. उसके बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रमेश की पढ़ाई के लिए एक लाख रुपये देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के गुमला जिले के रमेश साहू के पिता ईंट भट्टे पर मजदूर हैं और वो भी खिलौने बेचकर अपनी पढ़ाई करते हैं.
झारखण्ड के रमेश साहू के पिता ईंट-भट्टे पर मजदूर हैं और वो भी खिलौने बेचकर अपनी पढ़ाई करते हैं।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने ‘मन की बात’ में रमेश की प्रेरणादायी कहानी सुनाई। विपरीत परिस्थितियों के बावज़ूद अपनी मेहनत से रमेश ने जो किया वो दूसरों के लिए मिसाल है। pic.twitter.com/G0R4KGPdbG
— Raghubar Das (@dasraghubar) July 29, 2018
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ में रमेश की प्रेरणादायी कहानी सुनायी. विपरीत परस्थितियों के बावजूद अपनी मेहनत से रमेश ने जो किया वो दूसरों के लिए मिसाल है. हम सब को रमेश पर गर्व है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पढ़ाई के लिए रमेश साहू को एक लाख देने की घोषणा की है. रमेश साहू घाघरा प्रखंड के घोर उग्रवाद प्रभावित नवनी गांव का रहने वाला है. रमेश साहू खुद मेला में खिलौना बेचता था. उसका सपना बीए पास करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास करना है.
रमेश साहू इंटर कला संकाय में 377 अंक प्राप्त कर गुमला जिला टॉपर बना है. उसके पिता लक्ष्मण साहू मजदूर हैं. वे नवनी गांव से तीन किमी दूर स्थित ईंट भट्ठा में मजदूरी करते हैं. वहीं खुद जिला टॉपर रमेश मेला में बैलून व खिलौना बेचता है. रमेश घाघरा प्रखंड की गुदड़ी का लाल निकला. वह न पूरे प्रखंड, बल्कि पूरे गुमला जिले में टॉपर रहा है. रमेश की मां का निधन वर्ष 2009 में हो गया. इसके बाद मेरे पिता ने ही मां-बाप बन कर मुझे पाला.
रमेश ने बताया कि मेरा छोटा भाई विजय साहू है, जो सातवीं कक्षा में पढ़ता है. दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो गयी है. रमेश ने कहा कि अब उसका सपना बीए पास करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास कर आइएएस बनना है. इधर, रमेश की सफलता से उसके पिता लक्ष्मण साहू गदगद हैं. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनके बेटे ने कमाल कर दिखाया है. लॉर्ड बुद्धा कॉलेज के निदेशक ने कहा कि रमेश में आगे बढ़ने की क्षमता है.