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मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चा जनने वाली 50 महिलाओं को सीआइडी ने दिया नोटिस

रांची : बच्चा बेचने को लेकर चर्चा में आये मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले की जांच सीआइडी ने तेज कर दी है. इस कड़ी में सोमवार को मामले के अनुसंधानकर्ता ने पहले चरण में उन 50 महिलाओं को नोटिस भेजा है, जिन्होंने किसी न किसी वजह से मिशनरीज ऑफ चैरिटी में रहते हुए बच्चों को जन्म […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2018 1:19 AM
रांची : बच्चा बेचने को लेकर चर्चा में आये मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले की जांच सीआइडी ने तेज कर दी है. इस कड़ी में सोमवार को मामले के अनुसंधानकर्ता ने पहले चरण में उन 50 महिलाओं को नोटिस भेजा है, जिन्होंने किसी न किसी वजह से मिशनरीज ऑफ चैरिटी में रहते हुए बच्चों को जन्म दिया था.
उक्त महिलाओं से सीआइडी पूछताछ कर बच्चों के संबंध में यह जानने की कोशिश करेगी कि वे बच्चे कहां है. अगर उनके पास हैं, तो सही है. अगर किसी को गोद दिया गया, तो कैसे दिया गया? क्या इसके एवज में उनलोगों ने पैसे लिए? क्या सभी ने अपनी मर्जी से बच्चे दूसरे को गोद दिये थे या संस्था के किसी सदस्य या पदाधिकारी ने उन पर बच्चा देने के लिए दबाव बनाया था? बच्चा को गोद देने के एवज में पैसे का लेन-देन हुआ या नहीं? गोद देने में कानून का पालन किया गया या नहीं किया गया?
ये है मामला : मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था में रह रही युवती ने एक मई को सदर अस्पताल में लड़के को जन्म दिया था. नवजात को निर्मल हृदय की कर्मचारी अनिमा इंदवार ने संचालिका सिस्टर कोंसिलिया की मिलीभगत से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा में रहनेवाले दंपती को 1.20 लाख में बेच दिया था. तीन जुलाई को दंपती को बुलाकर अनिमा ने बच्चा यह कह कर ले लिया कि इसे कोर्ट में पेश करना है. इसके बाद वह बच्चा लेकर गायब हो गयी.
दंपती ने जेल रोड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी और डोरंडा स्थित दूसरी शाखा में जाकर बच्चा मांगा, लेकिन उन्हें बच्चे से मिलने नहीं दिया गया. इसके बाद ही उसने इसकी शिकायत सीडब्ल्यूसी से की. इसके बाद तीन जुलाई 2018 को यह केस रांची बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रूपा कुमारी, सदस्य तनुश्री सरकार व प्रतिमा कुमारी के बयान पर दर्ज किया था.
मामले में संस्था की कर्मचारी अनिमा इंदवार व सिस्टर कोंसीलिया को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस ने बेचे गये सभी चार बच्चों को बरामद कर लिया है. लेकिन बाल कल्याण समिति व पुलिस की जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आये हैं, जिनका जांच बाकी है. इसी के मद्देनजर मामला सीआइडी को सुपुर्द किया गया है.

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