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रांची : किसलय मिश्रा ने पूछताछ में कहा, मैं दीपक के परिवार की मदद करता था, उनकी बर्बादी का कारण क्यों बनूंगा

रांची : आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के बाद आत्महत्या करनेवाले दीपक झा और रूपेश झा के परिचित किसलय मिश्रा से बुधवार को सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता ने पूछताछ की. इससे पहले सुसाइड नोट में नाम आने के बाद किसलय को पुलिस ने 31 जुलाई को पूछताछ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2018 6:39 AM
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रांची : आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के बाद आत्महत्या करनेवाले दीपक झा और रूपेश झा के परिचित किसलय मिश्रा से बुधवार को सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता ने पूछताछ की.
इससे पहले सुसाइड नोट में नाम आने के बाद किसलय को पुलिस ने 31 जुलाई को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. मृतक दीपक झा किसलय मिश्रा के साथ रोस्पा टावर स्थित मेसर्स रेजिलियेंट फर्नीचर में काम करता था. किसलय मिश्रा ने पूछताछ में कहा : मेरी पत्नी मुझे तलाक दे चुकी है. मुझे परिवारवालों ने घर से भी निकाल दिया है
इस वजह से मैं अपने जीवन से तंग आकर एक बार हाथ की नस काट कर और दूसरी बार वाहन के नीचे आकर आत्महत्या का प्रयास कर चुका हूं. मैं खुद ही अपनी जिंदगी से परेशान हूं. मेरा ऑपरेशन भी हुआ था. मैं जीवन में ठोकर खाने के बाद किसी तरह रांची पहुंचा और मुझे यहां पर काम मिला.
फर्नीचर बेच डिस्काउंट का 60% दीपक व 40% पैसे मैं रखता था : किसलय ने कहा कि रांची में दीपक झा के रूप में मुझे एक अच्छा दोस्त मिला.
मैं उसके या उसके परिवार की बर्बादी का कारण क्यों बनूंगा. उसके परिवार वाले भी मुझे पसंद करते थे. मैं तो दीपक झा की स्थिति देखने के बाद खुद उसकी मदद करता था. जब दीपक ने मुझे कहा कि तुम बाहर खाना खाने में पैसा क्याें लगाते हो. मैं अपने घर में तुम्हारे लिए खाना बनवा दूंगा.
तब मैं उसे खाने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये देता था. दीपक अपने बेटे की बीमारी से परेशान रहता था. इस वजह से वह महीने में कई बार ड्यूटी पर भी नहीं आता था. इसलिए तनख्वाह से उसके पैसे कट जाते थे.
दीपक झा के साथ मेरे अच्छे संबंध होने के कारण ही हम दोनों ने मिल कर यह निर्णय लिया था कि कंपनी से फर्नीचर बेचने के लिए कस्टमर डिस्काउंट के जो पैसे मिलते हैं, वह फर्नीचर एमआरपी रेट में बेच कर हम दोनों डिस्काउंट के पैसे रख लेते थे. दीपक डिस्काउंट के पैसे का 60 प्रतिशत और मैं 40 प्रतिशत पैसे रखता था. किसलय ने जाली रसीद के आधार पर ग्राहकों को फर्नीचर देने के नाम पर रुपये ठगने की बात भी स्वीकारी.
दीपक ने खुद मोबाइल फाइनेंस कराया था, फिर उसे बेच दिया : पुलिस ने दीपक झा के सुसाइड नोट का उल्लेख करते हुए किसलय से पूछा कि दीपक झा के पहचान पत्र और पते पर मोबाइल फाइनेंस किसने कराया. पुलिस ने यह भी कहा कि उसके घर में लोन रिकवरी एजेंट तगादा करने पहुंचे थे. इसके बाद उसकी मां ने बरतन बेचकर रिकवरी एजेंट को रुपये दिये थे.
इन सब बातों का उल्लेख सुसाइड नोट में किया गया है. इस पर किसलय मिश्रा ने कहा कि दीपक झा ने अपने नाम से खुद ही 29 हजार रुपये का मोबाइल फाइनेंस करवाया था. बाद में उसने मोबाइल बेच दिया. मैंने खुद अपना मोबाइल फाइनेंस कराया था. मेरी वजह से दीपक झा या उसका परिवार कर्ज के दबाव में नहीं फंसा था.

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