1932 के खतियान पर मिले नौकरी : गीताश्री
रांची : कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा है कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार को आदिवासियों को लेकर कोई चिंता नहीं है. आदिवासियों और समाज के वंचित तबके के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं. नौ अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस है. विश्व स्तर पर आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक […]
रांची : कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा है कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार को आदिवासियों को लेकर कोई चिंता नहीं है. आदिवासियों और समाज के वंचित तबके के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं. नौ अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस है. विश्व स्तर पर आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के प्रयास हो रहे है़ं यूनेस्को को आदिवासियों की राज्य सरकार से कहीं अधिक चिंता है. राज्य सरकार ने आदिवासी-मूलवासी के भाषा, संस्कृति के साथ-साथ रोजगार पर भी हमला किया है. राज्य की जनभावना थी कि 1932 के खतियान के आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए. लेकिन जनभावना की कद्र नहीं हुई. श्रीमती उरांव शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहीं थी़ं
उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार के कुछ लोग आदिवासियों को बांटने की साजिश कर रहे हैं. धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है, लेकिन आदिवासियों ने समझ लिया है कि एकजुट रहना है. यह पूछे जाने पर कि आपकी पार्टी स्तर पर कभी 1932 के आधार पर नौकरी दिये जाने को लेकर खुल कर बातें सामने नहीं आयी है. श्रीमती उरांव ने कहा कि जनभावना पर पार्टी चलती है. स्व कार्तिक उरांव का हवाला देते हुए कहा कि यह सच है कि उन्होंने ईसाई धर्म माननेवाले कुछ आदिवासियों के सामाजिक स्तर बढ़ने की बात कही थी और इसी के आधार पर वंचित आदिवासियों को आरक्षण देने की मांग की थी. लेकिन उन्होंने गरीब ईसाइयों के आरक्षण की भी पैरवी की थी. मौके पर मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर मौजूद थे.
श्रीमती उरांव ने बताया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने व्यापक स्तर पर आदिवासी दिवस मनाने का निर्देश दिया है. छह अगस्त को एसटी प्रकोष्ठ पूरे राज्य में पुतला दहन करेंगे. सात अगस्त को ओबीसी प्रकोष्ठ और आठ अगस्त को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा कार्यक्रम किये जायेंगे. नौ अगस्त को राज्य भर में कार्यक्रम कर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया जायेगा.