रांची : कांके में कैंसर अस्पताल के लिए टाटा को मिली 23.5 एकड़ जमीन, जानिए कैबिनेट के अन्य फैसलों के बारे में

30 साल के लिए एक रुपये टोकन पर सरकार ने भूमि देने का लिया फैसला रांची : राजधानी के कांके में रिनपास की 23.5 एकड़ जमीन पर टाटा मेमोरियल ट्रस्ट के साथ मिल कर राज्य सरकार कैंसर अस्पताल खोलेगी. कैबिनेट ने कैंसर केयर सेंटर के लिए 30 वर्षों तक जमीन एक रुपये टोकन पर टाटा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2018 8:04 AM
30 साल के लिए एक रुपये टोकन पर सरकार ने भूमि देने का लिया फैसला
रांची : राजधानी के कांके में रिनपास की 23.5 एकड़ जमीन पर टाटा मेमोरियल ट्रस्ट के साथ मिल कर राज्य सरकार कैंसर अस्पताल खोलेगी. कैबिनेट ने कैंसर केयर सेंटर के लिए 30 वर्षों तक जमीन एक रुपये टोकन पर टाटा मेमोरियल ट्रस्ट को देने पर सहमति दी.
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में खोले जा रहे अस्पताल के संचालन के लिए स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीवी) गठित करने का निर्णय लिया. एसपीवी में टाटा मेमोरियल ट्रस्ट व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. अस्पताल खोलने में राज्य सरकार का हिस्सा टाटा ट्रस्ट को दी जा रही जमीन के वर्तमान बाजार मूल्य के बराबर एक ही बार देय होगा. कैंसर अस्पताल खोलने का काम दो चरणों में होगा. फेज वन के तहत रांची में स्टेट ऑफ द आर्ट कैंसर केयर सेंटर की स्थापना की जायेगी.
इसमें केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत निर्धारित दर पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायेगी. फेज टू में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के अलावा छह कांप्रिहेंसिव कैंसर केयर सेंटर की स्थापना की जायेगी.
इसके अलावा जिला अस्पतालों के निकट सात डायग्नोस्टिक एंड डे केयर क्लीनिक स्थापित किया जायेगा. यह क्नीनिक भी केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना द्वारा निर्धारित या उससे कम दर पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायेगी. इन सेंटरों की स्थापना के लिए भी अलग से एसपीवी-टू बनाया जायेगा. एसपीवी-टू के अध्यक्ष राज्य के मुख्य सचिव होंगे. सदस्यों में स्वास्थ्य विभाग, रिम्स व टाटा मोमोरियल ट्रस्ट के लोग शामिल हैं.
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित राज्यों के भ्रमण योजना के रूट में किये गये संशोधन पर घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की. साथ ही भविष्य में यात्रा के रूट अथवा दिवस या स्थान परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न होने पर राज्य परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा पर विभाग के मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने पर मंजूरी देने का फैसला किया.
कैबिनेट के अन्य फैसले :
– उत्तर कोयल परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने के लिए सीडब्ल्यूसी, बिहार सरकार, झारखंड सरकार व वैपकॉस लिमिटेड के बीच किये गये एमओयू में संशोधन पर सहमति
– झरिया पुर्नवास योजना में गड़बड़ी करनेवाले धनबाद के तत्कालीन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक को सरकारी सेवा से मुक्त करने पर सहमति
– चतरा जिला के स्वास्थ्य उपकेंद्र ईचकिला प्रतापपुर में भवन निर्माण के लिए 25.32 लाख उपकेंद्र टीकर के स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण के लिए 22.88 लाख रुपये के द्वितीय पुनरीक्षित प्राक्कलन को प्रशासनिक स्वीकृति
– सरायकेला, गढ़वा समेत नौ ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के लिए 434.08 करोड़ की योजना और व्यय पर सहमति
– राज्य के खनिज क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था के लिए हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद व पश्चिमी सिंहभूम की कुल 11 जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के लिए 358.56 की योजना एवं व्यय की स्वीकृति
रिनपास कैंपस में दो चरणों में होगा कैंसर अस्पताल का निर्माण
अब आगे क्या : 18 से 24 महीने में बन कर तैयार हाे जायेगा
सरकार से जमीन की कानूनी आैपचारिकता के बाद 18 से 24 माह के अंदर टाटा ट्रस्ट का कैंसर अस्पताल बन कर तैयार हाे जायेगा. अस्पताल बन जाने के बाद झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ आैर आेड़िशा के कैंसर राेगियाें काे मुंबई जाने की जरूरत नहीं हाेगी. रांची में ही उनका इलाज हाे जायेगा. अस्पताल के अलावा परिसर में डॉक्टर आैर नर्सिंग स्टाफ क्वार्टर, अटेंडेंट हॉस्टल भी रहेगा. गार्डेन भी रहेगा, जिसमें प्राकृतिक तरीके से इलाज हाेगा.
अब केवल एक आपातकालीन नंबर, 112 पर करें डायल
कैबिनेट ने इमरजेंसी रिस्पांड सपोर्ट सिस्टम (इआरएसएस) के लिए राज्य में एकीकृत आपातकालीन नंबर डायल 112 का इस्तेमाल करने पर सहमति दी. इसके सर्विस प्रोवाइडर के लिए मनोनयन के आधार पर सी-डैक को काम सौंपने की स्वीकृति प्रदान की. अभी पुलिस के लिए 100, अग्निशमन के लिए 101 व एंबुलेंस के लिए 108 आपातकालीन नंबर कार्यरत है.
डायल 112 में उक्त तीनों आपतकालीन सेवाओं की एकीकृत सुविधा प्रदान की जायेगी. कैबिनेट ने राज्य योजना के तहत कृषि विभाग की लाभुक जनित योजनाओं जैसे बकरा विकास, सूकर विकास, कुक्कुट, ब्रायलर कुक्कुट पालन आदि को समेकित लाभुक योजना के रूप में कार्यांवित करने का फैसला. इन योजनाओं में लाभुक की हिस्सेदारी 30 फीसदी व राज्य सरकार की हिस्सेदारी 70 फीसदी की होती है.

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