रांची : कुल 17.42 लाख में से 11 हजार बच्चे पाये गये रोगी

रांची : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 17.42 लाख बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी. इनमें से 11 हजार बच्चों में कोई न कोई रोग मिला. इन 11069 बच्चों में से 6598 ने ही सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाअों का लाभ लिया. यानी करीब आधा बच्चे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2018 12:31 AM
रांची : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 17.42 लाख बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी. इनमें से 11 हजार बच्चों में कोई न कोई रोग मिला.
इन 11069 बच्चों में से 6598 ने ही सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाअों का लाभ लिया. यानी करीब आधा बच्चे व उनके अभिभावकों ने इलाज में रुचि नहीं दिखायी. इलाज कराने वाले बच्चों में 5251 मेडिकल केस, 1162 सर्जिकल केस, 75 काउंसेलिंग के तथा 110 अर्ली इंवेस्टिगेशन के थे. सर्जिकल केस की श्रेणी वाले कटे होंठ के 18, टेढ़ा पैर वाले 20 तथा हृदय रोग के 36 अॉपरेशन किये गये. बच्चों में हृदय रोग संबंधी सभी अॉपरेशन रिम्स में किये गये. अन्य बीमारियों में दांत संबंधी बीमारी 5331, त्वचा 3549 व आंख संबंधी बीमारी 653 बच्चों में मिली.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्म से लेकर 18 वर्ष (पहले 14 वर्ष) तक के बच्चों को शामिल किया गया है. नवजात व शिशु को छोड़ अन्य बच्चों की स्वास्थ्य जांच स्कूलों में कैंप आयोजित कर की जाती है. सरकार का दावा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले करीब 67 लाख बच्चों में से 40 लाख की स्वास्थ्य जांच (हेल्थ स्क्रीनिंग) हो चुकी है.
नि:शुल्क वाहन की सुविधा: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का काम देख रहे डॉ यूसी सिन्हा के अनुसार देश भर में झारखंड अकेला राज्य है, जो बच्चों को सरकारी अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराता है.
शर्त यह है कि कुछ बच्चे व अभिभावक एक साथ जमा हो जायें. सरकार ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों का इलाज अवश्य करायें. सरकार इलाज के साथ-साथ उपकरणों पर होनेवाला खर्च भी वहन करती है. अभिभावकों को कहीं एक रुपया भी नहीं देना है. सुनने की क्षमता खो चुके बच्चे को करीब 5.30 लाख रुपये का उपकरण (कॉकलियर इंप्लांट) भी मुफ्त लगाया जाता है.बड़े अॉपरेशन या इलाज राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों रिम्स रांची, पीएमसीएच धनबाद तथा एमजीएम जमशेदपुर में होते हैं. अभिभावक ज्यादा जानकारी प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी या सीएचसी) में संपर्क कर ले सकते हैं.

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